Vasundhara Raje Scindia on PM Modi: राजस्थान में इस साल हुए असेंबली चुनाव में बीजेपी की जीत के बावजूद सीएम बनने से चूक गईं वसुंधरा राजे लंबे अर्से से रहस्यपूर्ण खामोशी ओढे हुए थी. अब कई महीनों बाद आखिरकार उनका दर्द छलक ही गया है. शनिवार को जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने राजनीति को उतार-चढ़ाव का दूसरा नाम बताया और कहा कि हर व्यक्ति को इस दौर से गुजरना पड़ता है. 


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'पद और मद स्थाई नहीं होते'


वसुंधरा राजे शनिवार को बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा, 'राजनीति का दूसरा नाम है उतार-चढ़ाव. हर व्यक्ति को इस दौर से गुजरना पड़ता है. इसमें व्यक्ति के सामने तीन चीजें आती है... पद, मद और कद. पद और मद स्थाई नहीं होते, लेकिन कद स्थाई होता है.'


'जनता का विश्वास एकदम स्थाई'


वसुंधरा ने कहा, 'राजनीति में यदि किसी को पद का मद आ जाए, तो फिर उसका कद कम हो जाता है. आज कल लोगों को पद का मद आ ही जाता है, लेकिन मदन जी को कभी पद का मद नहीं आएगा.' उन्होंने कहा कि उनकी नजर में सबसे बड़ा पद है- जनता की चाहत, जनता का प्यार और जनता का विश्वास. ये ऐसा पद है, जिसे कोई किसी से नहीं छीन सकता. 


सबका साथ, सबका विकास पर क्या बोली वसुंधरा?


भाजपा के 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' नारे का जिक्र करते हुए वसुंधरा ने कहा, 'मुझे यकीन है कि वह (मदन राठौड़) इस नारे को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. वह सबको साथ लेकर चलेंगे. यह बहुत मुश्किल काम है और बहुत सारे लोग विफल भी हुए हैं. लेकिन मैं आपसे कहना चाहूंगी कि मुझे विश्वास है इस काम को आप पूरी लगन से करेंगे.'


वसुंधरा राजे का कैसे टूटा सपना?


वसुंधरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मदन राठौड़ जैसे संगठन के कर्मठ कार्यकर्ता को देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान में भाजपा की कमान सौंपी है और वे इस पर खरा उतरने में कामयाब रहेंगे. बताते चलें कि वसुंधरा राजे इस बार भी राज्य में सीएम पद की दावेदार थी लेकिन मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने अपने स्टाइल में फिर सरप्राइज देते हुए भजनलाल शर्मा को राज्य का सीएम घोषित कर दिया. 


(एजेंसी भाषा)