गांधीनगर: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अफ्रीकी देशों को शनिवार को आश्वस्त किया कि भारत उनका विश्वसनीय साझीदार बना रहेगा और अफ्रीकी देशों के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए लगन के साथ काम करना जारी रखेगा.


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वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के दौरान ‘अफ्रीका दिवस’ के दौरान करीब 50 अफीक्री देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की विदेश और आर्थिक नीति में अफ्रीका को ‘शीर्ष प्राथमिकता’ में रखा है.


सुषमा स्वराज ने कहा, 'अफ्रीका की सुरक्षा, पुनरोद्धार और समृद्धि के मार्ग पर भारत एक विश्वसनीय साझीदार बना रहेगा और वहां के लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के लिए अफ्रीका के साथ मिलकर काम कर रहा है.'


विदेश मंत्री ने कहा कि भारत निवेशकों के सम्मेलन में पहली बार किसी महाद्वीप को एक पूरा दिन समर्पित कर रहा है, जिससे पता चलता है कि देश अफ्रीकी अर्थव्यवस्था को कितना महत्व देता है.


सुषमा स्वराज से पहले यूगांडा के विदेश मामलों के मंत्री हेनरी ओकेलो ने कहा कि भारत और अफ्रीका के रिश्तों में गतिशीलता के अभाव के कारण चीन ने महाद्वीप की संभावनाओं पर गौर करते हुए बड़ी पहल की.


ओकेलो ने कहा, 'सबको पता है अतीत में भारत और अफ्रीका के संबंध काफी मजबूत रहे हैं लेकिन इसमें ठहराव के चलते चीन ने अफ्रीकी क्षेत्र में संभावनाओं को देखा और बड़ी पहल की. अब इसे पटरी पर लाये जाने की जरूरत है.'


अफ्रीका दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए स्वराज ने कहा कि इसका आयोजन महात्मा गांधी की 150वीं जयंती एवं महान अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला की जन्मशती वर्ष में किया जा रहा है. 


विदेश मंत्री ने कहा,'पिछले चार साल में ‍अफ्रीका के साथ हमारे लंबे समय से चले आ रहे संबंधों में गतिशीलता आई है. अफ्रीका के साथ हमारा राजनीतिक संपर्क बहुत अधिक बढ़ा है. इस दौरान कई मंत्रियों के अलावा राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अफ्रीकी देशों की 29 यात्राएं की है.' सुष्मा स्वराज ने कहा कि अफ्रीका भारत का महत्वपूर्ण व्यापार और निवेश साझीदार बनकर उभरा है.


(इनपुट - भाषा)