Gujarat AAP News: आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया ने गुजरात के सूरत में एक जनसभा में खुद को कोड़े मारे, क्योंकि वे "अमरेली की मासूम बेटी" को न्याय दिलाने में विफल रहे, जिसे मानहानि के मामले में गिरफ़्तार किए जाने के बाद पुलिस ने सार्वजनिक रूप से घुमाया था. मंच से माफी मांगते हुए आप के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव ने हाल ही में अमरेली में एक पाटीदार महिला पर कथित तौर पर भाजपा नेता को बदनाम करने का प्रयास करने के आरोप में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने की घटना का हवाला देते हुए अपनी पैंट की बेल्ट निकालकर खुद को ‘कोड़ा’ मारा.


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क्यों मारी खुद को बेल्ट?
सभा को संबोधित करते हुए इटालिया ने कहा कि वह पीड़ितों के लिए कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन “भाजपा के शासन में अधिकारियों और नेताओं के भ्रष्ट गठजोड़” ने लोगों के लिए न्याय पाना मुश्किल बना दिया है. जिसके बाद वह मंच पर खुद को बेल्ट से मारने लगे. सोशल मीडिया पर इस घटन का वीडियो वायरल है. जिसमें इटालिया माफ़ी मांगते हुए, अपनी पतलून से बेल्ट निकालते हुए और खुद को उससे मारते हुए दिखाई दे रहे थे, जबकि मंच पर मौजूद नेता उन्हें रोकने के लिए दौड़े हैं


कोड़े मारने से पहले क्या कहा?
उन्होंने खुद को कोड़े मारने से पहले कहा, ‘‘गुजरात ने ‘मोरबी सस्पेंशन ब्रिज ढहने’, वडोदरा नाव पलटने की घटना, विभिन्न जगह अवैध शराब से हुई त्रासदियों, आग की घटनाओं और सरकारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामलों जैसी कई घटनाएं देखी हैं, लेकिन मैं पीड़ितों को न्याय दिलाने में असमर्थ रहा हूं.’’ मंच पर मौजूद नेता उन्हें कोड़े मारने से रोकने के लिए दौड़ते नजर आए.


क्या है अमरेली केस?
अमरेली की महिला को भाजपा विधायक को बदनाम करने की साजिश में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. शुक्रवार को स्थानीय अदालत ने उसे जमानत दे दी. हालांकि, पुलिस द्वारा उसे परेड करवाते हुए दिखाए जाने वाले वीडियो के बाद विपक्षी नेताओं ने इस मामले पर नाराजगी जताई.


25 वर्षीय महिला उन चार लोगों में शामिल थी जिन्हें 29 दिसंबर को भाजपा विधायक कौशिक वेकारिया को सोशल मीडिया पर बदनाम करने की कथित कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अभियोजन पक्ष द्वारा उसकी याचिका पर आपत्ति न जताए जाने के बाद अमरेली सत्र न्यायालय की न्यायाधीश रिजवाना बुखारी ने उसे नियमित जमानत दे दी.  इटालिया ने पहले कहा था कि भाजपा सरकार "घोटालेबाजों को बचाती है" लेकिन एक महिला को दंडित करती है जो सिर्फ अपना काम कर रही थी.