नई दिल्ली : देश के सबसे अमीर परिवारों आदमियों में शुमार 12 हजार करोड़ के ग्रुप रेमंड के मालिक विजयपत सिंघानिया किराए के घर में रह रहे हैं.  कभी मुकेश अंबानी के एंटीलिया से भी ऊंचे जेके हाउस में रहने वाले 78 साल के सिंघानिया अपनी इस हालत के लिए अपने बेटे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. विजयपत ने आरोप लगाया है कि ‘गौतम ने उन्हें पैसे-पैसे का मोहताज कर दिया है। वो कंपनी को निजी जागीर जैसे चला रहा है.’ 


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अपने बेटे को दे दिए थे सारे शेयर


सिंघानिया ने कंपनी में अपने सारे शेयर फरवरी 2015 में बेटे के हिस्से में दे दिए थे. इन शेयर्स की कीमत करीब 1000 करोड़ रुपए थी, लेकिन अब गौतम ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है. उनसे गाड़ी व ड्राइवर भी छीन लिए गए हैं.


ड्यूप्लेक्स घर का पजेशन मांगा


सिंघानिया मुंबई के ग्रैंड पराडी सोसायटी में किराए के मकान में रह रहे हैं. विजयपत सिंघानिया ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जेके हाउस में अपने ड्यूप्लेक्स घर का पजेशन मांगा है. बुधवार को उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि विजयपत पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं. 


क्या है जेके हाउस से जुड़ा विवाद


जेके हाउस 1960 में बना था उस वक्त यह एक 14 मंजिला इमारत थी. बाद में बिल्डिंग के 4 ड्यूप्लेक्स रेमंड की सब्सिडरी पश्मीना होल्डिंग्स को दिए गए. साल 2007 में, कंपनी ने इस बिल्डिंग को फिर से बनवाने का फैसला किया. डील के मुताबिक सिंघानिया और गौतम, वीनादेवी (सिंघानिया के भाई अजयपत सिंघानिया की विधवा), और उनके बेटों अनंत और अक्षयपत सिंघानिया को एक-एक ड्यूपलेक्स मिलना था. इसके लिए उन्हें 9 हजार प्रति वर्ग फीट की कीमत चुकानी थी. अपार्टमेंट में अपने हिस्से के लिए वीनादेवी और अनंत ने पहले से ही एक संयुक्त याचिका दायर की हुई है, वहीं अक्षयपत ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अलग याचिका दायर की है.