Delhi Chief Electoral Officer: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच सरगर्मियां तेज हैं. उधर फर्जी वोटर्स को भी लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं. इन सबके बीच दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी सीईओ ने स्पष्ट कर दिया है कि केवल वोटर आईडी कार्ड रखने से ही वोट डालने का अधिकार नहीं मिलता. सीईओ ऑफिस ने चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत 2025 के लिए मतदाता सूची के विशेष संशोधन की प्रक्रिया शुरू की है. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सभी पात्र मतदाता सूची में शामिल हों.


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अगस्त से शुरू हुई थी घर-घर जांच
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संशोधन प्रक्रिया के तहत बूथ लेवल अधिकारियों ने 20 अगस्त 2024 से 18 अक्टूबर 2024 तक घर-घर जाकर जांच की. इसका उद्देश्य नए योग्य मतदाताओं, 18 वर्ष के होने वाले युवाओं, स्थायी रूप से स्थानांतरित या मृत मतदाताओं, और डुप्लीकेट एंट्री को पहचानना था.


दावे और आपत्तियों के लिए समय दिया गया
जांच के बाद 29 अक्टूबर 2024 को मसौदा मतदाता सूची जारी की गई. इसके बाद दावे और आपत्तियां 28 नवंबर 2024 तक स्वीकार की गईं. इन सभी दावों और आपत्तियों का निपटारा 24 दिसंबर 2024 तक कर दिया गया. अब अंतिम सूची 6 जनवरी 2025 को प्रकाशित की जाएगी.


नए मतदाताओं के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी
अगर किसी ने अभी तक नाम दर्ज नहीं कराया है तो वह फॉर्म-6 के माध्यम से आवेदन कर सकता है. फॉर्म के साथ दस्तावेज़ जमा करने के बाद, बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) फील्ड जांच करते हैं. जांच पूरी होने के बाद मतदाता सूची में नाम जोड़ा जाता है, और ईपीआईसी (मतदाता पहचान पत्र) तैयार कर उसे पोस्ट द्वारा भेजा जाता है.


झूठे दस्तावेज़ों पर होगी कार्रवाई
इन सब पर सीईओ ऑफिस ने बताया कि झूठे दस्तावेज़ों के आधार पर पंजीकरण करना दंडनीय अपराध है. हाल ही में ओखला विधानसभा क्षेत्र में आठ लोगों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज़ों के लिए एफआईआर दर्ज की गई है. ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.


मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया
अगर किसी मतदाता का नाम हटाना या बदलना है, तो फॉर्म-7 या फॉर्म-8 जमा करना होगा. किसी मृत व्यक्ति के नाम को हटाने के लिए अन्य मतदाता भी आवेदन कर सकते हैं. चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं का पालन करते हुए, सत्यापन के बाद नाम सूची से हटा दिया जाता है. Demo Pic: AI