Wakf Amendment Bill: संसद की संयुक्त समिति JPC में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान जोरदार हंगामा हुआ. विपक्षी सांसदों ने बैठक के दौरान अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर प्रक्रिया को सही तरीके से न चलाने का आरोप लगाते हुए बहिष्कार कर दिया. हालांकि, बैठक से बाहर जाने के करीब एक घंटे बाद विपक्षी सदस्य फिर लौट आए, जब उन्हें जानकारी मिली कि पाल समिति के कार्यकाल विस्तार की मांग करने वाले हैं. समिति का कार्यकाल अब बजट सत्र तक बढ़ाए जाने की संभावना है, जिसका अंतिम निर्णय लोकसभा अध्यक्ष करेंगे.


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कल्याण बनर्जी ने मजाक करार दिया..
दरअसल, बैठक में कांग्रेस, डीएमके, आप और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि वे जल्दबाजी में कार्यवाही पूरी कराना चाहते हैं. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि पाल बिना उचित प्रक्रिया अपनाए 29 नवंबर की समयसीमा तक रिपोर्ट सौंपने की कोशिश कर रहे थे. तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने इसे "मजाक" करार दिया. इससे पहले भी समिति की बैठकों में कई बार विपक्ष और अध्यक्ष के बीच मतभेद सामने आए थे.


बड़े बदलावों का प्रस्ताव?
विधेयक में वक्फ बोर्ड की संरचना में बड़े बदलावों का प्रस्ताव है. इसमें वक्फ निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान है. साथ ही, वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम’ करने की बात कही गई है. इस विधेयक में वक्फ संपत्तियों पर दावा करने से जुड़ी धारा 40 को हटाने का भी प्रस्ताव है. विधेयक को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो चुकी है, जिसके चलते इसे संयुक्त समिति को भेजा गया था.


बैठक के बाद अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि कई राज्यों के अल्पसंख्यक मामलों के सचिवों और मुख्य सचिवों को समिति के सामने पेश होना है. उन्होंने बताया कि छह राज्यों में कई सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड के दावों से जुड़े सवाल अब भी अनुत्तरित हैं. ऐसे में समिति ने कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया है, ताकि रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा सके.


समिति के कार्यकाल विस्तार का प्रस्ताव..
उधर समिति के कार्यकाल विस्तार का प्रस्ताव गुरुवार को लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि समिति को इस विषय पर और गहराई से चर्चा करनी होगी. भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने भी कहा कि समिति अपनी रिपोर्ट 2025 के बजट सत्र के अंतिम दिन तक सौंपने के लिए समय मांगेगी. अब सभी की नजरें लोकसभा के अगले फैसले पर टिकी हैं. एजेंसी इनपुट