कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को वोटिंग होने वाली है. इससे पहले प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री केएस इश्वरप्पा ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों की जरूरत नहीं है. उनके इस बयान को लेकर कर्नाटक में चुनाव से ठीक पहले एक नया सियासी बवाल खड़ा हो गया है.


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ईश्वरप्पा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को शिवमोगा शहर के 60 हजार मुसलमानों के वोटों की जरूरत नहीं है. दरअसल, बीते 24 अप्रैल को कर्नाटक में शिवमोगा के पास विनोबा नगर में ईश्वरप्पा ने एक जनसभा को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कहा, 'हमें सभी जाति के लोगों से बात करके ये पता करना चाहिए कि भाजपा की सरकार के दौरान उन्हें क्या-क्या लाभ मिला है. शहर में करीब 60 हजार मुस्लिम हैं, हमें उनके वोटों की जरूरत नहीं है.'


उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा, 'जरूर, ऐसे कई मुसलमान भी हैं, जिन्हें बीजेपी सरकार से व्यक्तिगत तौर पर लाभ हुआ है, जरूरत के समय मदद मिली है और वो हमें वोट देंगे. राष्ट्रवादी मुस्लिम भारतीय जनता पार्टी को ही वोट देंगे.' ईश्वरप्पा ने जनसभा के समक्ष भाषण में ये भी कहा कि उनकी सरकार में किसी भी हिंदू को कोई दिक्कत नहीं हुई, वो सुरक्षित रहे हैं. उन पर किसी हमला करने की हिमाकत नहीं की है.


ईश्वरप्पा ने कहा, 'भाजपा की सरकार में हिंदू सुरक्षित थे. हिंदुओं पर हमला करने की किसी की हिम्मत नहीं हुई. लोगों का मानना है कि अगर बीजेपी को सरकार में जीत नहीं मिली तो हिंदू उतने सुरक्षित नहीं रह सकेंगे, जितना कि बीजेपी शासन में रह रहे हैं.' चुनाव आयोग के मुताबिक, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होंगे. चुनाव का समापन एक ही चरण में होगा. इसके बाद 13 मई को मतों की गिनती की जाएगी.


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