कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग (Election Commission) की पूर्ण पीठ से मुलाकात की और आरोप लगाया कि बीएसएफ (BSF) राज्य के सीमावर्ती इलाकों (Border Areas) में रहने वाले लोगों को धमका रही है और एक विशेष राजनीतिक दल को वोट देने के लिए कह रही है. 


BSF ने किया आरोपों का खंडन


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सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने TMC के आरोपों का खंडन किया है. BSF ने स्टेटमेंट जारी कर कहा कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे और निराधार हैं. स्टेटमेंट में आगे कहा गया है, 'BSF एक पेशेवर बॉर्डर गार्डिंग फोर्स है, जो पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ देश के अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करती है. हमने अवैध घुसपैठ और तस्करी पर सक्रिय रूप से जांच की है और ऐसी गतिविधियों में शामिल अपराधियों को पकड़ा है. पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थो चटर्जी द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे और निराधार हैं.' 


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बता दें कि राज्य विधानसभा चुनाव से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (Sunil Arora) के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ बुधवार शाम दो दिवसीय दौरे पर राज्य पहुंची थी. विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है.


TMC नेता ने की थी EC से शिकायत


TMC के महासचिव और राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा, ‘हमने मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) और निर्वाचन आयोग के अन्य अधिकारियों को बताया है कि बीएसएफ सीमावर्ती इलाकों में मतदाताओं को धमका रही है. हमें जानकारी मिली है कि अर्धसैनिक बल के अधिकारी विभिन्न गांवों का दौरा कर रहे हैं और लोगों को एक विशेष राजनीतिक दल के पक्ष में वोट डालने के लिए कह रहे हैं.’


उन्होंने कहा, ‘यह खतरनाक स्थिति है और निर्वाचन आयोग को इसपर गौर करना चाहिए.’


निर्वाचन आयोग के अधिकारी केंद्रीय और राज्य नियामक एजेंसियों के अधिकारियों के साथ चर्चा करने से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मिल रहे हैं.


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