नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल (West Bengal) समेत 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुए विधान सभा चुनावों के नतीजे (Assembly Election Results 2021) आ रहे हैं. रुझानों के मुताबिक बंगाल में टीएमसी को बहुमत हासिल हो चुका है. नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी ने बाजी मार ली है. उन्होंने बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी 1200 वोटों से हरा दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वोटों की गिनती के दौरान नंदीग्राम सीट (Nandigram) पर ममता बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. काउंटिंग के दौरान कभी बनर्जी आगे तो कभी अधिकारी लेकिन आखिरी राउंड की काउंटिंग में पासा पलटा और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने नंदीग्राम सीट को अपने नाम कर लिया. 


ममता बनर्जी की लोगों से अपील


जीत के बाद पहली बार जनता के सामने आकर ममता बनर्जी ने बंगाल के लोगों का धन्यवाद किया, इसके साथ ही उन्होंने लोगों से मास्क पहनने और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की. 


ममता और सुवेंदु में कड़ी टक्कर


बंगाल की 292 में से 292 सीटों के रुझान सामने आ चुके हैं, इनमें 206 सीटों पर टीएमसी और 83 पर बीजेपी को बढ़त हासिल है. सबसे अहम बात ये है कि ममता बनर्जी अब फिर नंदीग्राम में पिछड़ गई हैं. सुवेंदु अधिकारी सुबह से भारी बढ़त बनाए हुए थे फिर 16 राउंड की मतगणना के बाद अब वह 6 वोटों से आगे हो गए हैं. शुरुआती रुझानों से लग रहा था कि ममता को अपनी सीट बदलता भारी पड़ सकता है और सुवेंदु के गढ़ में उनकी राह मुश्किल होगी. बता दें सुवेंदु ने कुछ दिन पहले ही टीएमसी छोड़ बीजेपी का दामन थामा है और वह पूर्व में ममता के सबसे खास माने जाते थे.


इसके अलावा बंगाल की टॉलीगंज में बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो भी करीब 25 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं. बीजेपी के कई सांसदों की हालत खराब है और उन्हें विधान सभा चुनाव में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.


नंदीग्राम के चुनावी समीकरण


नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी के खिलाफ उनके ही पूर्व सहयोगी सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने  इस बार बीजेपी (BJP) के टिकट पर चुनाव लड़ा है. नंदीग्राम में 1 अप्रैल को हुए मतदान में करीब 88 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. पिछसे चुनावों यानी साल 2016 के मुकाबले नंदीग्राम में इस बार एक फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई है और पिछली बार सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी के टिकट पर इस सीट से जीत हासिल की थी.


बता दें कि सिंगुर और नंदीग्राम की लड़ाई के दम पर ही ममता बनर्जी प्रदेश में कई दशक से जारी लेफ्ट के शासन को उखाड़ फेंका था. साल 2009  में नंदीग्राम में हुए उपचुनाव में TMC ने लेफ्ट से इस सीट को छीना था और उसके बाद लगातार दो बार यानी साल 2011 और 2016 में TMC ने यहां अपना कब्जा बरकरार रखा. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को जिले की 13 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी, तीन सीटें लेफ्ट के हिस्से में गई थीं. 


ममता बनर्जी के नंदीग्राम से उतरने के बाद सियासी समीकरण बदल गए थे. बीजेपी की ओर इस बार सुवेंदु अधिकारी हैं, जिनका परिवार पूर्वी मिदनापुर में काफी पकड़ रखता है. जानकारों के मुताबिक नंदीग्राम में बीजेपी को हिंदू वोटरों से बड़ी उम्मीद है, तो टीएमसी 30% मुस्लिम वोटरों से आस लगाए बैठी है.


VIDEO