नई दिल्ली: दिवाली से पहले पटाखों की गूंज अभी से सुनाई देने लगी है, लेकिन इस बीच पटाखों से होने वाले प्रदूषण (Pollution) पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकारों ने कमर कस ली है और कुछ राज्यों ने पटाखे जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध (Firecrackers banned on Diwali) लगा दिया है, जबकि कुछ राज्य सरकारों ने ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी है. हालांकि इसके लिए समय सीमा तय की गई है.


क्या होते हैं ग्रीन पटाखे (What is Green Crackers)


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खतरनाक और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की जगह कई राज्यों ने ग्रीन पटाखे (Green Crackers) जलाने की अनुमति दी है और लोगों में इसका क्रेज दिखाई दे रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि ग्रीन पटाखे क्या होते हैं और पुराने परंपरागत पटाखों से कैसे अलग होते हैं?


पटाखे जलाने से होता ये नुकसान


पटाखे जलाने (Firecrackers) से ज्यादा आबादी वाले शहरों में वायु प्रदूषण (Pollution) बढ़ जाता है, जो सर्दी के मौसम में एयर क्वालिटी इंडेक्स पहले से ही खराब स्थिति में है. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच पटाखे जलाना और ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि प्रदूषण की वजह से इम्यूनिटी कमजोर होती है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है.


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नॉर्मल पटाखे से कितने अलग होते हैं ग्रीन पटाखे (Difference between Green Crackers and Firecrackers)


ग्रीन पटाखे (Green Crackers) राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) की खोज हैं और ये आवाज से लेकर दिखने तक में पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं, लेकिन इनको जलाने पर प्रदूषण काफी कम होता है और ये सामान्य पटाखों की तुलना में 40 से 50 फीसदी तक कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि ग्रीन पटाखों से प्रदूषण बिल्कुल भी नहीं होगा, हालांकि ये सामान्य पटाखों से कम हानिकारक हैं.


ग्रीन पटाखों में नहीं होते हैं हानिकारक रसायन (Chemical in Green Crackers)


ग्रीन पटाखों (Green Crackers) में वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले हानिकारक रसायन नहीं होते हैं. इनमें एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट और कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता है या ग्रीन पटाखों में खतरनाक रसायनों की मात्रा काफी कम होती है. इस वजह से इन पटाखों से प्रदूषण कम होता है.


ग्रीन पटाखों से ध्वनि प्रदूषण भी होता है कम (Green Crackers Noise Pollution)


ग्रीन पटाखों (Green Crackers) से वायु प्रदुषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है, क्योंकि ये साइज में थोड़े छोटे होते हैं और कम आवाज करते हैं. ग्रीन पटाखों से अधिकतम 110 से 125 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण होता है, जबकि नॉर्मल पटाखों से 160 डेसिबल तक होता है.


समान्य पटाखों की तुलना में महंगे होते हैं ग्रीन पटाखे


ग्रीन पटाखों (Green Crackers) के कीमत की बात करें तो यह परंपरागत पटाखों की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं. यदि आपके राज्य में सामान्य पटाखों पर रोक लगी है और ग्रीन पटाखों की इजाजत दी गई है तो आपको सरकार की ओर से रजिस्टर्ड दुकान पर ग्रीन पटाखे खरीद सकते हैं. इसके अलावा आप ग्रीन पटाखे ऑनलाइन (Green Firecrackers Buy Online) भी खरीद सकते हैं.


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