Maharashtra: बाल ठाकरे के करीबी भी हुए उद्धव से दूर, थामा शिंदे का हाथ, जानें कौन हैं चंपा थापा
Shivsena Fight: चंपा थापा शिवसेना के संरक्षक बाल ठाकरे के भरोसेमंद और उनके दैनिक कामों में मदद करते थे. उन्होंने नवंबर 2012 में बाल ठाकरे की मृत्यु से पहले 27 साल तक समर्पित रूप से उनकी सेवा की थी.
Eknath vs Uddhav: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को एक के बाद एक कई झटके लगते जा रहे हैं. अब हाल ही में उन्हें जोर झटका तब लगा जब उनके पिता और दिवंगत शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के दो पूर्व सहयोगियों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से हाथ मिला लिया. दोनों ही शिंदे के नेतृत्व वाले पार्टी के धड़े में शामिल हो गए. हम बात कर रहे हैं चंपा सिंह थापा और मोरेश्वर राजे की. इन दोनों ने लगभग तीन दशकों तक 'मातोश्री' में शिवसेना के पूर्व प्रमुख बाल ठाकरे की सेवा की थी.
कौन हैं चंपा थापा?
चंपा थापा शिवसेना के संरक्षक बाल ठाकरे के भरोसेमंद और उनके दैनिक कामों में मदद करते थे. उन्होंने नवंबर 2012 में बाल ठाकरे की मृत्यु से पहले 27 साल तक समर्पित रूप से उनकी सेवा की थी. इतना अधिक कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार के वक्त थापा को अपने पास रखकर उनकी सेवा को स्वीकार किया.
जानें क्या कहा एकनाथ शिंदे ने
थापा और मोरेश्वर राजे ही बाल ठाकरे के फोन कॉल्स अटेंड करते थे और फोन करने वाले का मैसेज उनके पास पहुंचाते थे. ठाणे के एक विधायक और मुख्यमंत्री शिंदे ने थापा व राजे को शॉल भेंट कर स्वागत किया और उनका अभिवादन किया. उन्होंने कहा कि नवरात्रि के इस पावन अवसर पर, हर कोई खुश है कि (महामारी संबंधी) त्योहारों पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. बहुत उत्साह है जो समय की आवश्यकता है. थापा और राजे के शामिल होने से उत्साह और दोगुना हो गया है. दोनों ही बाल ठाकरे की छाया की तरह थे.
शिंदे ने बताया असली शिवसैनिक
शिंदे ने कहा कि दोनों ने उनके गुट में शामिल होने का फैसला किया क्योंकि वह असली शिवसेना का प्रतिनिधित्व करते हैं और शिवसेना संस्थापक और हिंदुत्व की शिक्षाओं को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बालासाहेब सीधी-सादी बातें करते थे. लोग बालासाहेब को अच्छी तरह जानते थे.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)