देहरादून: उत्तराखंड (Uttrakhand) में बीजेपी (BJP) 47 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ एक बार फिर से सत्ता में वापस आ गई है. हालांकि, इस बड़ी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) चुनाव हार गए हैं. नए मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर भाजपा के अंदर लगातार हलचल तेज है. 


धन सिंह रावत का नाम है सबसे आगे


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भाजपा नेताओं की मानें तो किसी विधायक को ही मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. ऐसे में सबसे आगे जो नाम चल रहा है, वो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का है, जिनको संगठन का भी काफी अनुभव है. वो सरकार का अनुभव भी पिछले 5 सालों में बखूबी ले चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के करीबी धन सिंह रावत को लेकर भाजपा में चचार्एं बहुत तेज हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी होने का फायदा धन सिंह रावत को मिल सकता है. संघ के करीब होने का फायदा भी धन सिंह रावत को मिल सकता है.


ये भी पढ़ें: उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में महिलाओं की रिकॉर्ड जीत, BJP की सभी उम्मीदवार जीतीं


सतपाल महाराज पर भी बीजेपी खेल सकती है दांव


धन सिंह रावत को अगर मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो ऐसे में सतपाल महाराज को भी भाजपा मुख्यमंत्री बना सकती है. सतपाल महाराज सबसे पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे और उसके बाद उत्तराखंड से लेकर कई राज्यों के चुनाव प्रचार में भी वह जुटे रहे. पिछले 5 साल के कार्यकाल में तीन बार मुख्यमंत्री बदलने के दौरान सतपाल महाराज के नाम पर चचार्एं तो खूब हुई लेकिन उनको कुर्सी नहीं मिल पाई. 


ये भी पढ़ें- 6 महीने तक ट्रांसफर नहीं होने देने की धमकी देने वाले मुख्तार के बेटे का क्या हुआ?



सतपाल महाराज के लिए सबसे बड़ा फायदा उनकी संघ प्रमुख मोहन भागवत से करीबी है. मोहन भागवत से करीब होने के चलते सतपाल महाराज को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.


निशंक के नाम की भी चर्चा तेज


अगर विधायकों में से सीएम नहीं बनाया जाता है तो ऐसे में पार्टी अनुभवी पूर्व सीएम डॉ रमेश पोखरियाल निशंक पर भी दांव खेल सकती है. ब्राह्मण होने के चलते पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में ब्राह्मण सीएम बना कर उत्तर प्रदेश तक संदेश देना चाहेगी. संगठन और सरकार का बेहतर अनुभव होने के चलते रमेश पोखरियाल निशंक के नाम पर भी मुहर लग सकती है. डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के दिल्ली में भाजपा आलाकमान से बहुत मजबूत संबंध है. 2019 में हरिद्वार से लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद उनको भारी-भरकम मंत्रालय देने से साफ पता चलता है कि दिल्ली में उनकी पकड़ कितनी मजबूत है.


(इनपुट- आईएएनएस)


LIVE TV