राहुल गांधी के इस्‍तीफा देने के बाद केरल की वायनाड सीट से कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ किसको चुनाव में उतारा जाए ये वहां का सत्‍तारूढ़ वाम मोर्चा गठबंधन तय नहीं कर पा रहा है. दरअसल इस सीट से सीपीआई को प्रत्‍याशी देना है लेकिन पार्टी की केरल इकाई वायनाड लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार पर फैसला नहीं कर पाई है. लोकसभा चुनाव में उसकी उम्मीदवार एनी राजा का प्रदर्शन राहुल गांधी के खिलाफ काफी खराब रहा था. सीपीआई अब दुविधा में है कि यहां से किसको उतारा जाय?


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सीपीआई राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का हिस्सा है लेकिन केरल में वह सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली वामपंथी सरकार में दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी है. राज्य में उसकी सबसे बड़ी विरोधी कांग्रेस पार्टी है. सीपीआई नेता एनी राजा वायनाड सीट से राहुल गांधी से बुरी तरह हार गईं. बस उनके लिए राहत की बात ये रही कि उन्होंने हार का अंतर 2019 के 4.37 लाख वोटों से घटाकर 3.64 लाख वोटों पर कर दिया.


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अभी कुछ दिन पहले ही सीपीआई महासचिव डी. राजा की पत्नी एनी राजा ने पार्टी नेताओं की एक बैठक में कहा था कि वो वायनाड से चुनाव नहीं लड़ना चाहती थी, लेकिन बिनॉय विस्वान के कहने पर लड़ीं.


अब यह लगभग साफ हो गया है कि वह प्रियंका गांधी से मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं हैं और अब उम्मीदवार खोजने की जिम्मेदारी सीपीआई की केरल इकाई पर है. 


उधर कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ को सीट बरकरार रखने का पूरा भरोसा है, वायनाड में एक ही चर्चा जीत के अंतर को लेकर है. सीपीआई ने राज्य की 20 लोकसभा सीटों में से चार पर चुनाव लड़ा था. एक और बड़ी हार उसे बड़ी मुश्किल में डाल सकती है.


वायनाड लोकसभा सीट राहुल गांधी के इस्तीफे से खाली हुई है. राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र को अपने पास रखने का फैसला किया है. वो वायनाड से भी जीते थे. उन्होंने इस सीट से अपनी बहन प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है.