ACP Sukanya Sharma News: उत्तर प्रदेश के आगरा में तैनात सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) सुकन्या शर्मा महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए रात में सादे कपड़ों में सड़कों पर निकलीं और इस दौरान उन्होंने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल कर पुलिस से मदद भी मांगी. हाल ही में यूपी पुलिस की इस लेडी सिंघम ने जब आधी रात को पुलिस के काम की चैकिंग की तो कम से कम उनके मातहात काम करने वाली टीम उस टेस्ट में पास हो गई. समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शर्मा की इस कोशिश को ‘प्रशंसनीय प्रयास’ करार दिया और कहा कि ऐसे ‘मॉक-कॉल’ समय-समय पर होते रहें तो पुलिस-प्रशासन और सचेत रहेगा. 


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कौन हैं सुकन्या शर्मा


एसीपी सुकन्या बैच 2017 की पीपीएस अधिकारी हैं. फिलहाल उनकी पोस्टिंग आगरा जिले में है. सुकन्या शर्मा का जन्म 25 अगस्त 1991 को यूपी के अलीगढ़ में हुआ. उनके पिता का नाम आर.के.एस रमन है. मैडम ने बीएससी के बाद पिता का सपने पूरा करने के लिए डॉक्टर बनीं. उसके बाद उन्होंने अपना सपना साकार करने का मन बनाया और उसे पूरा करके ही चैन की सांस ली. मैडम की लाइफ के एक सीक्रेट की बात करें तो उन्हें बचपन में पुलिस वालों को देखकर डर लगता था. लेकिन डर के आगे जीत है वाला पुराना फंडा फॉलो करके वो 2017 में पीपीएस की परीक्षा पास करके यूपी पुलिस में आ गईं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी जॉइनिंग 19 अक्टूबर 2020 को हुई.


मॉक टेस्ट का नतीजा क्या निकला?


आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि आगरा के एत्मादपुर में सहायक पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात सुकन्या शर्मा शनिवार देर रात सफेद कमीज और काली जींस पहनकर बाहर निकलीं और ऑटो रिक्शा पर सवार हुई. बाद में उन्होंने ‘112’ पर फोन करके मदद मांगते हुए कहा कि वह सुनसान सड़क पर अकेली हैं, क्या उन्हें मदद मिल सकती है.


शर्मा का मकसद महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस की मुस्तैदी को जांचना था. 



बहरहाल, फोन पर तुरंत कार्रवाई हुई और 10 मिनट के अंदर पुलिस नियंत्रण कक्ष की टीम मौके पर पहुंची तो सहायक पुलिस आयुक्त सुकन्या शर्मा को सामने देखकर हैरान रह गई.


नियमों के तहत, रात 10 बजे से सुबह छह बजे के बीच अगर कोई महिला किसी ऐसी जगह फंसी हो, जहां से उसे वाहन नहीं मिल सकता है तो वह पुलिस से मदद मांग सकती है. इसी की जांच के लिए शर्मा ने रात साढ़े 11 बजे पुलिस नियंत्रण कक्षा में फोन किया.


सपा सुप्रीमो ने की तारीफ


सपा के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सहायक पुलिस आयुक्त के इस प्रयास की सराहना की. उन्होंने रविवार देर रात सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, 'महिला सुरक्षा सुशासन की प्रथम परीक्षा होती है. यदि समाजवादी पार्टी के समय में महिला सुरक्षा के लिए शुरू किये गये आपातकालीन नंबर ‘1090’ व ‘100’ को भाजपा सरकार में अच्छी तरह चलाया और बढ़ाया जाता तो आज महिला सुरक्षा को लेकर किसी ज़िम्मेदार अधिकारी को आशंका से भरा कॉल न करना पड़ता.' 



यादव ने कहा, 'ऐसे ‘मॉक-कॉल’ समय-समय पर होते रहें तो पुलिस-प्रशासन सजग और सचेत रहेगा. प्रशंसनीय प्रयास!'


(एजेंसी इनपुट के साथ)