नई दिल्ली: 'मेक इन इंडिया' (Make In India) को 'रेप इन इंडिया' बताने पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर माफी मांगने से इनकार कर दिया है. बीजेपी राहुल गांधी से माफी की मांग पर अड़ी है. लिहाजा, इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए राहुल गांधी ने वीर सावरकर
(Veer Savarkar)
का एक बार फिर अपमान किया है. राहुल गांधी ने कहा कि मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है. ये पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी और कांग्रेस ने आजादी के नायक वीर सावरकर का अपमान किया हो. कांग्रेस को गांधी परिवार (Gandhi Family) का गुणगान तो अच्छा लगता है लेकिन सावरकर को राष्ट्र नायक कहना उन्हें नहीं भाता. दिल्ली के रामलीला मैदान में आज कांग्रेस की रैली थी. क्या ये रैली सावरकर के सहारे कांग्रेस की डूबती नैया को बचाने के लिए थी. 


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सवाल यह भी है कि रेप पर 'सियासी संग्राम' में 'राष्ट्र नायकों' की एंट्री क्यों? कांग्रेस कब तक करेगी सावरकर पर सियासत? तो 'गांधी परिवार' बांटेगा देशभक्ति का 'लाइसेंस'? राहुल के 'रिलॉन्च' के लिए कांग्रेस की 'रामलीला'? कांग्रेस कब तक करेगी नफरत की राजनीति?


बीजेपी ने किया तीखा पलटवार
उधर, वीर सावरकर पर राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने हमले तेज़ कर दिए हैं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार करते हुए राहुल गांधी को निशाने पर लिया. गिरिराज सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उधार का सरनेम लेने से कोई गांधी नहीं हो जाता. गिरिराज ने अपने ट्वीट में ये भी लिखा कि देशभक्त बनने के लिए रगों में बहने वाला ख़ून हिंदुस्तानी होना चाहिए. गिरिराज सिंह के बाद BJP सांसद और प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने भी ट्वीट किया. राहुल गांधी की भाषा पर तंज कसते हुए जीवीएल ने लिखा कि राहुल गांधी का नाम राहुल गांधी नहीं, राहुल जिन्ना होना चाहिये. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि राहुल अगर 100 जन्म भी लें तो भी वो सावरकर नहीं बन पाएंगे. गिरिराज सिंह ने कहा कि सिर्फ सरनेम बदल लेने से कोई गांधी नहीं हो जाता. रंगों में हिंदुस्तान का खून होना चाहिए.


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सावरकर के सहारे राहुल का 'कांग्रेस बचाओ' प्लान?
उधर, सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अच्छी बात है उनका नाम सावरकर नहीं है क्योंकि अगर उनका नाम सावरकर होता तो हमें शर्म से मुंह छुपाना पड़ता, उन्हें अपनी दादी इंदिरा गांधी का शुक्रगुज़ार होना चाहिए, इंदिरी गांधी ने अपने नाम से नेहरू शब्द हटा दिया क्योंकि अगर नेहरू शब्द इनके नाम में रहता तो आज लोग इन्हें ग़ुलामों के वंशज कहते."