Lawrence Bishnoi News: देश के खूंखार गैंगस्टर्स से जुड़ी बड़ी खबर है. एनआईए (NIA) ने गृह मंत्रालय से उत्तर भारत की जेलों में बंद 10-12 कुख्यात गैंगस्टरों को अंडमान निकोबार जेल में ट्रांसफर करने की मांग की है. इस मसले पर गृह मंत्रालय के अधिकारियों और NIA के अफसरों के बीच लंबी चर्चा हुई है. NIA ने गृह मंत्रालय के अफसरों को कहा है कि कुछ चुनिंदा शातिर कैदियों को अंडमान निकोबार की जेल में ट्रांसफर किया जाए. सूत्रों के मुताबिक, एनआईए ने आशंका जाहिर की है कि ये गैंगस्टर जेलों में बैठकर अपने सिंडिकेट को संचालित कर रहे हैं. ऐसे में इन्हें यहां की जेलों से निकालकर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की जेलों में शिफ्ट कर दिया जाए.


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इस गैंगस्टर्स पर कसेगा शिकंजा


बता दें कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत की जेलों में बंद बड़े गैंगस्टरों पर शिकंजा कसता जा रहा है. इन राज्यों की जेलों में बंद कुछ गैंगस्टरों को अब अंडमान निकोबार द्वीप समूह भेजने की तैयारी की जा रही है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी और गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों ने संवेदनशील कैदियों के स्थानांतरण पर महत्वपूर्ण बैठक की है.


गैंगस्टर्स को 'काला पानी' क्यों?


एनआईए के मुताबिक, जेल से चल रहे सिंडिकेट पर इससे चोट होगी. बदमाशों के गुर्गों का मनोबल टूटेगा. नेटवर्क से जुड़े गुर्गों से संपर्क नहीं होगा. केंद्र शासित अंडमान निकोबार में कम अड़चन होंगी. बताया जा रहा है कि नार्थ इंडिया के जेलों में बंद 10-12 गैंगस्टर को अंडमान निकोबार जेल में शिफ्ट किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, NIA ने गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर इन गैंगस्टर के शिफ्ट करने की सिफारिश की है. इस मसले पर गृह मंत्रालय और NIA के बीच लंबी चर्चा भी हुई है. NIA ने गृह मंत्रालय के अफसरों से कहा है कि कुछ चुनिंदा शातिर कैदियों को अंडमान निकोबार जेल में ट्रांसफर किया जाए.


लॉरेंस बिश्नोई के सिंडिकेट पर चोट


सूत्रों के अनुसार, NIA दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की जेलों में बंद उन गैंगस्टर को अंडमान की जेल में भेजना चाहती है जो यहां की जेलों में रहकर अपना क्राइम सिंडिकेट चला रहे हैं. इनमें सबसे बड़ा नाम है लॉरेंस बिश्नोई का है जो फिलहाल दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है. NIA का मकसद इन गैंगस्टर के नेटवर्क को ध्वस्त करना है. रिपोर्ट के अनुसार, NIA कुछ गैंगस्टर को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में भी भेजने के विकल्प पर विचार कर रही है. जहां फिलहाल वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगी बंद हैं. बड़ी बात ये है कि इनको शिफ्ट किए जाने के लिए दूसरे राज्यों से इजाजत भी नहीं लेनी होगी.


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