Rahul Gandhi Parliament Speech: नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल ने संसद में रण छेड़ ही दिया. सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान संसद में धर्म की लड़ाई नजर आई. नेता विपक्ष के तौर पर जब राहुल गांधी ने बोलना शुरू किया तो हिन्दू धर्म के मुद्दे पर उन्होंने बीजेपी को घेर लिया. लेकिन हमेशा संविधान साथ लेकर चलने वाले राहुल गांधी ने संसद में भगवान शिव, यीशु मसीह और गुरु नानक की तस्वीरें क्यों दिखाईं. चलिए समझते हैं.


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राहुल संसद में जब बोलने के लिए खड़े हुए तो कई मुद्दों पर उन्होंने बीजेपी को घेरा. इसके बाद उन्होंने तीन तस्वीरें संसद में दिखाईं, जो भगवान शिव, गुरु नानक और यीशु मसीह की थीं. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि शिव जी हमारी प्रेरणा हैं. शिव जी के गले में सांप है. जो यह दर्शाता है कि वे मृत्यु को अपने पास रखते हैं. शिव जी के बाएं कंधे के पीछे त्रिशूल है. त्रिशूल हिंसा का प्रतीक नहीं है. अगर वो हिंसा का प्रतीक होता तो दाएं हाथ में होता. हमने जब बीजेपी से लड़ाई की, तब हिंसा नहीं की.


डरो मत, डराओ मत?


इसके बाद उन्होंने गुरु नानक जी का चित्र दिखाते हुए कहा कि इसमें आपको अभय मुद्रा दिखेगी. राहुल ने कहा कि गुरु नानक जी ने हमेशा कहा कि डरो मत और डराओ मत. वहीं राहुल गांधी ने जीजस क्राइस्ट के चित्र में अभय मुद्रा का जिक्र किया और कहा कि कोई आपको एक थप्पड़ मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो.


नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भगवान शंकर की तस्वीर दिखाने के साथ ही ये दावा भी किया कि हिन्दू हिंसा नहीं फैला सकता. हिंदू नफरत नहीं फैला सकता. लेकिन बीजेपी 24 घंटे नफरत और हिंसा करती है. राहुल ने कहा कि बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या नरेंद्र पूरा हिंदू समुदाय नहीं है.



बीजेपी ने राहुल को घेरा


राहुल के इस बयान पर अमित शाह ने उन्हें घेर लिया और राहुल गांधी से माफी की मांग की. अमित शाह ने कहा कि हिंसा की भावना को भरे सदन में किसी धर्म के साथ जोड़ना गलत है.


राहुल गांधी के आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पलटवार किया. पीएम मोदी ने हिन्दू समाज को हिंसक कहने के मुद्दे को गलत बताया साथ ही नेता विपक्ष को गंभीरता से लेने की बात भी कही.


धर्म को हिंसा से जोड़ने के राहुल गांधी के बयान को स्पीकर ओम बिरला ने भी गलत ठहराया. ओम बिरला ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि आप नेता विपक्ष हैं और किसी धर्म के बारे में ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे देश में गलत संदेश जाता है. दरअसल राहुल ने इन तस्वीरों पर मचे बवाल को लेकर कहा कि उन्होंने हिंदू समुदाय के लिए कुछ भी गलत नहीं बोला. उन्होंने सिर्फ बीजेपी, आरएसएस और पीएम मोदी को घेरा है.