Why do we eat dahi cheeni: आप जब भी कोई एग्जाम देने या किसी अच्छे काम के लिए घर से निकलते हैं, तो मां दही-चीनी खिलाती (Why do we eat dahi cheeni) हैं. आमतौर पर ऐसा सभी परिवारों में होता है. लेकिन कभी आपने सोचा है कि आखिर नए काम की शुरुआत से पहले ये दही-चीनी खिलाने की परंपरा क्यों है. बड़े बुजुर्गों का कहते हैं कि दही-चीनी खिलाना शुभ होता है. लेकिन सवाल ये भी है कि आखिर दही-चीनी ही शुभ क्यों माना जाता है? कोई और चीज क्यों नहीं खिलाई जाती? आइए आज हम इसके पीछे का लॉजिक बताते हैं.


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दही को माना जाता है सुपर फूड


आपको बता दें कि दही को सुपरफूड माना गया है. दूध से बनने वाले दही में कैल्शियम, विटमिन बी-2, बी-12, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे कई जरूरी विटामिन्स और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा दही खाने को पचाने में मदद करने के साथ-साथ नैचरल लैक्सेटिव यानी खाने को मुलायम बनाने में भी मदद करता है. इसलिए डॉक्टर्स भी इसे खाने की सलाह देते हैं. लेकिन जब दही और चीनी को सही मात्रा में मिलाकर खाया जाता है, तो इसके फायदे और ज्यादा बढ़ जाते हैं. आपने नोटिस किया होगा कि एग्जाम या नए काम में अक्सर लोग ठीक से खाना नहीं खाते. ऐसे में दही-चीनी कम्पलीट डाइट जैसा पोषण देता है और हमारे पेट को भी स्वस्थ रखता है.


स्ट्रेस को करता है कम


दही-चीनी खाने के फायदों के प्रमाण आयुर्वेद में मिलते हैं. आयुर्वेद के अनुसार दही आपके शरीर के लिए प्राकृतिक शीतलक का काम करता है, जो गर्मी से लड़ने में मदद करता है. वहीं, चीनी ग्लूकोज का एक अनिवार्य स्रोत है. जब दोनों को साथ में खाया जाता है इससे शरीर में एनर्जी बढ़ जाती है. इसके अलावा दिमाग भी शार्प रहता है. साथ ही दही चीनी खाने से स्ट्रेस भी कम होता है.


लंबे समय से चली आ रही है परंपरा


दही खाने से डिप्रेशन, तनाव, क्रोध या चिंता जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. अगर रोजाना दही-चीनी का सेवन किया जाए तो ये मेमोरी बूस्ट करता है. साथ ही कॉन्सनट्रेशन को भी बढ़ाता है. यही वजह है कि घर से निकलने से पहले दही-चीनी खिलाने की परंपरा बहुत पुराने समय से चली आ रही है.



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