राहुल गांधी अचानक हाथरस क्यों गए? अब पीड़ित के भाई ने कर दिया खुलासा! कैसे हुआ कांग्रेस से संपर्क, जानें सबकुछ
hathras rape case latest update: कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले गुरुवार को अचानक किसी को कुछ बताए हाथरस गए, जिसको लेकर यूपी में खूब माहौल गरमाया हुआ है. अब रेप पीड़िता के भाई ने इस मामले में खुलकर बात की है. जानें कैसे और कब कांग्रेस से परिवावालों ने किया संपर्क. क्या है राहुल गांधी के हाथरस जानें की पीछे की वजह. जानें सबकुछ.
Hathras victim brother on Rahul gandhi: हाथरस में वर्ष 2020 में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार की शिकार महिला के भाई का कहना है कि उनका परिवार एक तरह से ‘उम्रकैद’ काट रहा है और जो कोई भी उनका दर्द समझेगा, उनकी आवाज उठाएगा परिवार उसका शुक्रिया अदा करेगा. महिला के भाई संदीप सिंह ने यह भी कहा कि उसकी बहन की अस्थियां घर पर रखी हैं और उनका विसर्जन तभी किया जाएगा जब परिवार को पूरा न्याय मिलेगा. संदीप की यह टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पिछले गुरुवार को महिला के परिवार के सदस्यों से मुलाकात करने का वीडियो सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करने के बाद मंगलवार को आई.
गांधी ने बीजेपी पर साधा निशाना
गांधी ने जोर देकर कहा कि न्याय में देरी न्याय न मिलने के समान है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा परिवार से किए गए वादे आज तक पूरे नहीं किए गए हैं. भाजपा और उसके सहयोगी रालोद ने वीडियो साझा करने के लिए गांधी की आलोचना की, जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) की घटक समाजवादी पार्टी ने उनका समर्थन किया.
हम तो एक तरह से उम्रकैद काट रहे हैं, भाई ने बताया सच
महिला के भाई संदीप सिंह ने कहा कि परिवार पिछले पांच वर्षों से न्याय की मांग कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘जो कोई भी हमारा मुद्दा उठाएगा और हमारा दर्द समझेगा, हम उसका शुक्रिया अदा करेंगे चाहे वह सरकार हो या कोई और.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम तो एक तरह से उम्रकैद काट रहे हैं. अगर उत्तर प्रदेश सरकार अपना वादा पूरा नहीं करती है तो हम देखेंगे. सरकार हो या विपक्ष, हमारे लिए सब बराबर हैं. हमें अदालत से भी पूरा न्याय नहीं मिला है. पांचवां साल बीत चुका है और हम अब भी अदालत और सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं. हम पीड़ित हैं और कुछ नहीं कर सकते.’’
गांधी के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा ‘‘विपक्ष का रवैया नकारात्मकता से भरा है. वे विकृत तथ्य पेश करके जनता में भ्रम पैदा कर रहे हैं. हालांकि, आम जनता उनके द्वारा लगाए गए सभी निराधार आरोपों को खारिज कर रही है. फिर भी वे उसी ढर्रे पर चल रहे हैं.’’
सपा ने क्या, सरकार ने नहीं पूरा किया वादा
रालोद के प्रदेश प्रवक्ता अंकुर सक्सेना ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा , ‘‘ऐसा करके वह भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. वह प्रचार के लिए कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहे हैं और न्यायपालिका के प्रति भी संदेह की भावना पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं जो लोकतंत्र के मानदंडों के बिल्कुल खिलाफ है.’’ वहीं राहुल गांधी को समर्थन देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता दीपक रंजन ने कहा कि राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार से जो वादे किए थे उन्हें पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा , ‘‘नेता प्रतिपक्ष को जिस प्रोटोकॉल का हक है, वह तक तो राहुल गांधी को नहीं दिया गया.’’
राहुल गांधी से कब परिवावालों ने साधा संपर्क
हाथरस में परिवार से मिलने के बाद गांधी ने आरोप लगाया था कि उनके (परिवार) साथ ‘‘अपराधियों’’ जैसा व्यवहार किया जा रहा है. कांग्रेस के अनुसार, इस साल की शुरुआत में परिवार ने गांधी से संपर्क किया था और ‘‘न्याय’’ पाने में उनका सहयोग मांगा था. पार्टी ने युवती के पिता द्वारा विपक्ष के नेता को लिखा गया एक पत्र भी साझा किया था. गांधी ने परिवार के साथ उनके घर पर लगभग 35 मिनट बिताए और उनसे बातचीत की. वह पत्रकारों के एक समूह से बात किए बिना चले गए, जो उनके दौरे के लिए गांव में एकत्र हुए थे.
राहुल और प्रिंयका गांधी ने 2020 में भी परिवार से की थी मुलाकात, जानें पूरा मामला
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने तीन अक्टूबर 2020 को हाथरस में पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी और घोषणा की थी कि वे मृतक को न्याय सुनिश्चित करने के लिए लड़ेंगे. युवती (19) के साथ 14 सितंबर 2020 को कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था. उसे इलाज के लिए अलीगढ़ और बाद में दिल्ली ले जाया गया, जहां 29 सितंबर 2020 को उसकी मृत्यु हो गई थी. उसका अंतिम संस्कार 30 अक्टूबर को तड़के किया गया. उसके परिवार ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया था. वहीं स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने दावा किया था कि दाह संस्कार ‘‘परिवार की इच्छा के अनुसार’’ किया गया था. प्रारंभिक पुलिस जांच के बाद, सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी और सभी चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. इनपुट भाषा से