Caste Census: जाति जनगणना के खिलाफ क्यों है RSS, भाजपा से कह दी सीधी बात
2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लगी भाजपा को संघ ने एक बड़ा मैसेज दिया है. जाति जनगणना का विरोध करते हुए संघ ने इसे राष्ट्रीय एकता के लिए ठीक नहीं बताया है. आरक्षण पर भी संघ ने कहा कि पूर्ण सामाजिक उत्थान होने तक आरक्षण जारी रहेगा.
RSS Stand On Caste Census: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देशव्यापी जाति जनगणना कराने के भाजपा समेत तमाम राजनीतिक दलों के स्टैंड का विरोध किया है. नागपुर में संघ मुख्यालय आए महाराष्ट्र के भाजपा और शिवसेना विधायकों से RSS ने स्पष्ट रूप से असहमति जताई है. RSS के पदाधिकारी श्रीधर गाडगे ने कहा कि जाति आधारित जनगणना नहीं होनी चाहिए. उन्होंने सवाल भी किया कि इससे क्या हासिल होगा? विदर्भ सह-संघचालक गाडगे ने पत्रकारों से कहा कि इस तरह की कवायद से कुछ लोगों को राजनीतिक रूप से फायदा हो सकता है क्योंकि इससे यह डेटा मिलेगा कि किसी निश्चित जाति की आबादी कितनी है. हालांकि यह राष्ट्रीय एकता के लिए ठीक नहीं है. कांग्रेस देशव्यापी जातीय जनगणना के पक्ष में है और इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है.
यह गलत है... कोई झगड़ा नहीं
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मंत्री और विधायक नागपुर आए थे. एक न्यूज चैनल से बातचीत में गाडगे ने कहा, ‘हमें लगता है कि जाति आधारित जनगणना नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने का कोई कारण नहीं है. जाति आधारित जनगणना करके हमें क्या हासिल होगा? यह गलत है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारा रुख स्पष्ट है कि कोई असमानता, शत्रुता या झगड़ा नहीं होना चाहिए.’
आरक्षण पर भी बोला संघ
एक सवाल पर गाडगे ने कहा कि जाति आधारित जनगणना का आरक्षण से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, ‘आरक्षण एक अलग चीज है और आप जाति व्यवस्था को खत्म कर सकते हैं. मैं उस जाति का होऊंगा, जिसमें मैं पैदा हुआ हूं और जब यह (जाति) आरक्षण के अंतर्गत आएगी तो इसका जिक्र किया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि आरक्षण और जाति व्यवस्था अलग-अलग मुद्दे हैं. आरक्षण का प्रावधान सामाजिक उत्थान के लिए किया गया था इसलिए पूर्ण सामाजिक प्रगति होने तक आरक्षण जारी रहेगा क्योंकि सभी समुदायों ने अभी तक प्रगति नहीं की है.
गाडगे ने कहा, ‘RSS का स्पष्ट मत है और प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था कि जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति की प्रगति नहीं हो जाती, तब तक आरक्षण जारी रहेगा. यह एक सामाजिक व्यवस्था है, लेकिन इसका जाति आधारित जनगणना से कोई संबंध नहीं है क्योंकि जाति की गिनती नहीं होने पर आरक्षण में कोई बाधा नहीं आएगी.’