Explained: Why the govt wants to locate Dara Shikoh tomb: मुगल बादशाह शाहजहां (Mughal Emperor Shah Jahan) के चार बेटे थे. औरंगजेब (Aurangzeb), दारा शिकोह (Dara Shikoh), शुजा और मुराद बख्श. मुगल इतिहास के काले सच (Mughal history dark truth) की बात करें तो आज बात शाहजहां के सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह की. शाहजहां नामा (Shah Jahan Nama) में लिखा है कि पिता की गद्दी पाने  के लिए औरंगजेब ने बड़े भाई दारा शिकोह का सिर कलम करके अपने पिता के पास आगरा (Agra) भेज दिया था, जबकि बाकी शरीर को दिल्ली में हुमायूं मकबरे (Humayun Tomb) के परिसर में दफना दिया गया था.


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दारा शिकोह की कब्र की तलाश


दारा शिकोह के कत्ल के साढ़े तीन सौ साल बाद हुमायू मकबरे के परिसर में दारा शिकोह की कब्र की शिनाख्त की कोशिशें हो रही हैं. ये तलाश भारत सरकार करवा रही है. साल 2020 में केंद्र सरकार ने दारा शिकोह की कब्र खोजने के लिए एक कमेटी बनाई, जिसने अपनी रिपोर्ट भी ASI को सौंप दी है लेकिन अबतक दारा शिकोह की कब्र की निशानदेही की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.


आलमगीरनामा में दारा शिकोह की कब्र के बारे में संकेत दिया गया है. हुमायूं की कब्र के दाएं ओर एक जगह पर गुम्बद के नीचे तीन कब्र हैं. इसी तरह बाएं तरफ भी गुंबई के नीचे तीन कब्र हैं. इतिहासकारों की मानें तो इन छह कब्रों में से ही एक कब्र दारा शिकोह की कब्र है. ASI द्वारा 1947 में प्रकशित किताब Memoirs of The Archeological Survey of India के मुताबिक हुमायूं के मकबरे में खुले आसमान में अलग सी दिखने वाली एक कब्र दारा शिकोह की हो सकती है ऐसी मान्यता है. ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर तैयार ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट में पता चलता है कि हुमायूं के मकबरे में दाएं ओर पर मौजूद गुम्बद में अलग सी दिखने वाली कब्र दारा शिकोह की हो सकती है. भारत सरकार की 7 सदस्यीय टीम ने भी बहुमत से इसी कब्र को दारा शिकोह की कब्र बताया था और जुलाई 2020 में ASI और भारत सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी.  


सरकार दारा शिकोह की कब्र खोज क्यों रही है?


अब सवाल ये कि सरकार दारा शिकोह की कब्र खोज क्यों रही है ? ऐसा करके मोदी सरकार क्या हासिल करना चाहती है. औरंगजेब हिंदुओं के नरसंहार, हिंदू मंदिरों को तोड़ने और हिंदू धर्मग्रंथों के अपमान के लिए कुख्यात था. तो दारा शिकोह सच्चा हिंदुस्तानी था जिसकी हिंदूधर्म में आस्था थी. वो हिंदू मंदिरों का जीर्णोद्धार कराता था. उसने संस्कृत सीखी और बनारस के पंडितों की मदद से 52 उपनिषदों और भगवतगीता का फारसी भाषा में अनुवाद कराया था.


दारा शिकोह को हिंदू धर्म में गहरी रुचि थी


दारा शिकोह का चरित्र उदार था. दारा शिकोह ने कई किताबें लिखीं. उसने अपनी किताब मजमा-उल-बहरीन में वेदांत और सूफीवाद का तुलनात्मक अध्ययन किया है. दारा शिकोह अपने समय में प्रमुख हिंदुओं, बौद्धों, जैनियों, इसाइयों और मुस्लिम सूफियों के साथ धार्मिक विचारों पर चर्चा करते थे. इसका मतलब ये कि दारा शिकोह को हिंदू धर्म में गहरी रुचि थी जो सभी धर्मों को समानता की नजर से देखते थे. 


'औरंगजेब ने फैलाया कि दाराशिकोह बन गया हिंदू'


इतिहासकार जदूनाथ सरकार ने अपनी किताब हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब में लिखा है कि दारा शिकोह ने मथुरा के केशवराय मंदिर को एक रेलिंग दान की थी और प्रसाद ग्रहण किया था. औरंगजेब को जब इसका पता चला तो उसने ये बात फैला दी थी कि दारा शिकोह ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है. औरंगजेब के आदेश पर उस मंदिर को तुड़वाकर मस्जिद बनवा दी गई. आज ये मस्जिद मथुरा की मशहूर शाही ईदगाह मस्जिद है जिसे लेकर कोर्ट में केस चल रहा है.


दारा शिकोह किसी भी मुगल बादशाह की तुलना में ज्यादा हिंदुत्वप्रेमी थे. उन्हें भारत की संस्कृति से प्यार था. माना जाता है कि वो हिंदू धर्म से प्रेरित थे. ऐसे में दारा शिकोह की कब्र तलाशकर सरकार, उन्हें भारत के मुसलमानों के लिए आदर्श हस्ती के तौर पर पेश करना चाहती है. सियासी नजर से समझें तो दारा शिकोह जैसे किरदारों को प्रमोट करके बीजेपी और RSS अपनी मुस्लिम विरोधी छवि को भी कम करना चाहते हैं. इसके साथ मुसलमानों को औरंगजेब जैसे किरदारों से दूर करके दारा शिकोह जैसे किरदारों के विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं. दारा शिकोह की कब्र की पहचान करना भी बीजेपी और RSS के इसी एजेंडे का हिस्सा है.


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