Maharashtra Vidhan Sabha Chunav: महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी महाविकास अघाड़ी यानी एमवीए (शरद पवार-उद्धव ठाकरे-कांग्रेस) ने बुधवार को गठबंधन की तरफ से कई चुनावी वादे किए लेकिन उसके एक दिन बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने अलग से अपना वचननामा जारी किया है. इसको पेश करते हुए उद्धव ने कहा कि ज्यादातर चुनावी वादे विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी के घोषणापत्र का हिस्सा हैं, लेकिन कुछ बिंदु हैं जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) वाला एमवीए गठबंधन 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र भी जारी करेगा. यानी गठबंधन के सभी घटक दल अपना अलग-अलग घोषणापत्र जारी करेंगे. उसी कड़ी में उद्धव ने अपना वचननामा (घोषणापत्र) अलग से जारी किया है.


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उद्धव के वादे
जिस तरह से राज्य में छात्राओं को सरकारी नीति के तहत मुफ्त शिक्षा मिल रही है, अगर एमवीए सत्ता में आता है तो इसे छात्रों के लिए भी लागू किया जाएगा.


एमवीए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर रखेगा. 


धारावी पुनर्विकास परियोजना के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे रद्द कर दिया जाएगा क्योंकि इसका बुरा प्रभाव मुंबई पर होगा.


तेजी से हो रहे शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र और मुंबई में भी आवास नीति होगी.


अगर एमवीए सत्ता में आता है तो वह कोलीवाड़ा और गौठानों के क्लस्टर विकास को रोक देगा और यह निवासियों को विश्वास में लेने के बाद किया जाएगा. शिवसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी रोजगार सृजन की दिशा में काम करेगी.


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एमवीए की गारंटी
इससे पहले एमवीए ने बुधवार को राज्य की महिलाओं को ‘‘महालक्ष्मी योजना’’ के तहत प्रतिमाह तीन हजार रुपये देने और राज्य परिवहन की बसों में मुफ्त यात्रा का वादा किया.


एमवीए के अनुसार कृषि समृद्धि योजना के तहत किसानों का तीन लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जाएगा और फसल ऋण के नियमित भुगतान के लिए प्रोत्साहन के रूप में 50,000 रुपये दिए जाएंगे. 


बेरोजगार युवाओं के लिए 4,000 रुपये प्रति माह भत्ता, 25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा और निशुल्क दवाएं देने समेत की गारंटियों की घोषणा की गई. महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना-एनसीपी सरकार फिलहाल अपनी प्रमुख ‘लाडकी बहिन’ योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह का भुगतान कर रही है और उसने सत्ता में बने रहने पर इस राशि को बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया है.


एमवीए ने यह भी वादा किया कि यदि वह सत्ता में आया तो राज्य में जाति आधारित गणना कराई जाएगी और केंद्र में सत्ता में आने पर आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा हटा दी जाएगी.