किसी का मुंह सिला था तो कोई रहा प्यासा, Forest Team ने मुक्त कराए गए ये 24 सांप
सपेरों के चंगुल से मुक्त कराए गए सांपों में 16 कोबरा, चार रैट स्नेक और चार कॉमन बोआ प्रजाति के सांप हैं. इन सांपों को काफी दयनीय हालत में बरामद किया गया है और इन्हें भूखा-प्यासा रखा जाता था.
नई दिल्ली: देशभर में 13 अगस्त को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा और इस दिन हिन्दू धर्म में सांपों को पूजने की मान्यता है. लोग सपेरों को दान देते हैं और सांप को दूध भी पिलाते हैं. नाग पंचमी को काल सर्प दोष का दूर करने के लिहाज से काफी शुभ दिन भी माना जाता है. नाग पंचमी से पहले सपेरे पैसा कमाने के मकसद से सांपों को जंगल से पकड़ लाते हैं लेकिन इस बार 24 सांपों को सपेरों के चंगुल से आजादी मिल गई है.
वन विभाग ने मुक्त कराए 24 सांप
यूपी के आगरा में वाइल्ड लाइफ एसओएस और उत्तर प्रदेश वन विभाग की ओर से चलाए गए ज्वॉइंट ऑपरेशन में शहर के पांच अलग-अलग मंदिरों के बाहर सपेरों के कब्जे से 24 सांपों को आजाद कराया गया. सभी सांपों को वर्तमान में वाइल्ड लाइफ एसओएस की निगरानी में देखभाल के लिए रखा गया है.
वाइल्ड लाइफ एसओएस के श्रेयस पचौरी ने बताया कि सोमवार को उनकी टीम ने यूपी वन विभाग के साथ मिलकर आगरा में कैलाश महादेव मंदिर, बल्केश्वर महादेव मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, राजेश्वर और रावली मंदिरों के बाहर सपेरों से 24 सांपों को मुक्त कराया. सपेरे नाग पंचमी से पहले इन सांपों को जंगल से पकड़कर ले आए थे.
सांपों के साथ बर्बरता
सपेरों के चंगुल से मुक्त कराए गए सांपों में 16 कोबरा, चार रैट स्नेक और चार कॉमन बोआ प्रजाति के सांप हैं. सभी सांप भूखे और प्यासे थे, इनकी हालत काफी नाजुक मिली है. एक गैर-विषैले प्रजाति के सांप रैट स्नेक के साथ तो बर्बरता की गई थी और उसका मुंह सिल दिया गया था.
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जानवरों के लिए काम करने वाला ये NGO अब इन सांपों की देखभाल कर रहा है. इसके बाद जब ये सांप पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे तो इन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा.