Non Veg Pizza डिलीवर होने पर भड़की महिला, Consumer Court में Case फाइल कर मांगा 1 करोड़ का मुआवजा
Non Veg Pizza One Crore Rupees Compensation: पीड़िता ने बताया कि जब मैंने पिज्जा का एक स्लाइस मुंह में रखा तब मुझे अहसास हुआ कि यह एक नॉन वेज पिज्जा था. पिज्जा में मशरूम की जगह मीट पड़ा हुआ था.
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने कोर्ट में केस फाइल करके 1 करोड़ रुपये को मुआवजा मांगा है क्योंकि उसके घर नॉन वेज पिज्जा (Non Veg Pizza) डिलीवर हो गया था. ये मामला अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.
नॉन वेज पिज्जा डिलीवर होने पर मांगा मुआवजा
बता दें कि महिला ने अमेरिकन पिज्जा रेस्टोरेंट (American Pizza Restaurant) के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में केस फाइल किया है. महिला ने आउटलेट से वेज पिज्जा की जगह नॉन वेज पिज्जा डिलीवर होने के लिए 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है.
बता दें कि मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन ने पिज्जा आउटलेट को नोटिस जारी करते हुए महिला की शिकायत पर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च, 2021 को की जाएगी.
वेजिटेरियन है पीड़िता और उसका परिवार
बता दें कि 1 करोड़ के मुआवजे का केस फाइल (Non Veg Pizza One Crore Rupees Compensation) करने वाली महिला का नाम दीपाली त्यागी है. उनका कहना है कि वो पूरी तरह से वेजिटेरियन हैं क्योंकि उनके धर्म, पारिवारिक संस्कारों और मूल्यों के हिसाब से वेजिटेरियन होना ज्यादा अच्छा है.
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दीपाली त्यागी ने बताया कि 21 मार्च, 2019 को उन्होंने अमेरिकन पिज्जा रेस्टोरेंट (American Pizza Restaurant) से एक वेजिटेरियन पिज्जा ऑर्डर किया था. उस दिन होली थी. होली खेलने के बाद उनके बच्चे भूखे थे इसीलिए उन्होंने पिज्जा ऑर्डर किया था.
उन्होंने आगे कहा कि पिज्जा 30 मिनट बाद डिलीवर हुआ था. हालांकि कंपनी दावा करती है कि ऑर्डर करने के 30 मिनट के अंदर ही पिज्जा डिलीवर हो जाएगा.
कैसे पता चला कि नॉन वेज है पिज्जा
पीड़िता ने आगे बताया कि देरी से पिज्जा डिलीवर होने के बावजूद उन्होंने पिज्जा ले लिया. उन्होंने कहा कि जब मैंने पिज्जा का एक स्लाइस मुंह में रखा तब मुझे अहसास हुआ कि यह एक नॉन वेज पिज्जा था. पिज्जा में मशरूम की जगह मीट पड़ा हुआ था.
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कोर्ट में पीड़िता के वकील ने दी ये दलील
पीड़िता के वकील फरहत वारसी ने कोर्ट को बताया कि पिज्जा के नॉन वेज होने का पता चलते ही दीपाली ने तुरंत कस्टमर केयर को कॉल किया और अपनी शिकायत दर्ज करवाई कि कैसे उन्होंने वेज की जगह नॉन वेज पिज्जा भेज दिया. जबकि उनके परिवार में सभी लोग वेजिटेरियन हैं.
आउटलेट के मैनेजर ने पीड़िता से क्या कहा?
वकील के मुताबिक, 26 मार्च 2019 को पिज्जा आउटलेट की तरफ से एक शख्स का पीड़िता दीपाली के पास फोन आया कि वो उनके पूरे परिवार को मुआवजे के तौर पर फ्री में पिज्जा देगा. फोन करने वाले ने खुद को आउटलेट चेन का डिस्ट्रिक्ट मैनेजर बताया.
नॉन वेज पिज्जा खाने से हुआ धर्म भ्रष्ट
गौरतलब है कि पीड़िता ने उस फोन कॉल के जवाब में आउटलेट वालों को फिर से समझाया कि आप जैसा समझ रहे हैं ये वैसा सिंपल केस नहीं है. नॉन वेज पिज्जा डिलीवर होने की वजह से उनके परिवार के लोगों का धर्म भ्रष्ट हो गया. इस घटना की वजह से उन लोगों को बहुत मानसिक पीड़ा हुई. उन्हें शुद्धि के लिए पूजा-अनुष्ठान करना पड़ेगा. जिसमें लाखों रुपये का खर्च आएगा.
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