जानिए कौन हैं इमरान खान और पाकिस्तानी सेना की पोल खोलने वाली गुलालई इस्माइल
गुलालई इस्माइल पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं और हाल ही में वहां से निकलकर अमेरिका में राजनीतिक शरण पाने के प्रयास कर रही हैं.
नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण में भारत (India) के खिलाफ भड़काऊ बयान दे रहे थे. इसी दौरान पाकिस्तान की ही एक महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल (Gulalai Ismail) ने शुक्रवार की सुबह न्यूयॉर्क की सड़क पर इमरान खान और पाकिस्तानी सेना की पोल खोल कर रख दी. गुलालई इस्माइल ने पाकिस्तान में सेना द्वारा अल्पसंख्यकों के खिलाफ किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ जमकर आवाज उठाई.
गुलालई इस्माइल पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं और हाल ही में वहां से निकलकर अमेरिका में राजनीतिक शरण पाने के प्रयास कर रही हैं. गुलालई पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ वलगातार आवाज उठाती रही हैं. गुलालई ने पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगाया कि सेना अल्पसंख्यक महिलाओं का बलात्कार करती है और उन्हें गायाब कर देती है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर बेकसूर पश्तूनों की हत्या की जा रही है.
गुलालई ने कहा कि हजारों लोगों को यातना केंद्रों और जेल में पाकिस्तानी सेना ने बंधक बनाकर रखा है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे मानवाधिकार के उल्लंघन को तत्काल रोका जाए. यातना केंद्रों और जेल में बंद लोगों को छोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में इसके खिलाफ जो भी आवाज उठाता है तो, उस पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि खैबर पख्तुनख्वा प्रांत में पाकिस्तानी सेना द्वारा तानाशाही की जा रही है.
पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के लिए उम्मीद का नया चेहरा बनीं गुलालई इस्माइल को अपने परिवार और उन्हें वहां से निकलने में मदद करने वाले अंडरग्राउंड नेटवर्क की चिंता हो रही है. बता दें कि गुलालई के पाकिस्तानी सेना के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के बाद पाकिस्तान में उनके विरुद्ध राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. इसी के चलते उन्हें पाकिस्तान छोड़कर भागना पड़ा.
कुछ दिन पहले ही अफगानिस्तान के पत्रकार बशीर अहमद ग्वाख के साथ गुलालई ने एक साक्षात्कार में कहा था कि वह पाकिस्तान में करीब 6 माह से छिप रहीं थीं. इसके बाद अपनी जान बचाकर अपने दोस्तों की मदद से वह पाकिस्तान से श्रीलंका पहुंचीं और फिर अमेरिका आ गईं. गुलालई पाकिस्तानी सेना द्वारा महिलाओं के बलात्कार व अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं. 32 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में रह रही हैं.