पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूएन में अपनी बेइज्जती खुद कराई. सभी नेताओं को बोलने के लिए 15 मिनट का वक्त दिया गया था लेकिन इमरान खान करीब 50 मिनट बोले.
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न्यूयॉर्क: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने यूएन (UNGA) में अपनी बेइज्जती खुद कराई. सभी नेताओं को बोलने के लिए 15 मिनट का वक्त दिया गया था लेकिन इमरान खान करीब 50 मिनट बोले. समय-सीमा का ख्याल ही नहीं रखा. उनके भाषण का बड़ा हिस्सा इस्लाम, कश्मीर और पीएम मोदी (PM Narendar Modi) के ही इर्द-गिर्द रहा. जैसे ही उन्होंने 15 मिनट से लंबा भाषण देना शुरू किया, उनके सामने की लाल बत्ती ब्लिंक करने लगी, लेकिन फिर भी वो लगातार बोलते रहे. इमरान के उलट, पीएम मोदी ने समय सीमा का पूरा सम्मान किया. उन्होंने अपना भाषण करीब 17 मिनट में खत्म किया जिसमें उन्होंने पूरी दुनिया के शांति का संदेश दिया.
यूएन के मंच पर मोदी-मोदी करते रह गए इमरान
यूएन के मंच पर इमरान सिर्फ मोदी-मोदी करते रह गए. संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को लेकर प्रॉपेगैंडा चलाने की कोशिश की है. कश्मीर पर झूठ का पुलिंदा बांधते हुए परमाणु जंग की भी धमकी दे डाली. पाक पीएम ने कहा, 'यदि हम परमाणु जंग की ओर बढ़ते हैं तो संयुक्त राष्ट्र जिम्मेदार होगा इसीलिए 1945 में संयुक्त राष्ट्र का गठन हुआ था. आपको इसे रोकना होगा. यदि दोनों देशों के बीच परंपरागत जंग छिड़ती है तो कुछ भी हो सकता है. लेकिन, आप सोचें कि यदि कोई देश अपने पड़ोसी देश के मुकाबले 7 गुना छोटा है तो फिर उसके सामने क्या विकल्प है. खुद को सरेंडर करना या फिर लड़ते हुए मरना. हम लड़ने का रास्ता अख्तियार करेंगे.'
कट्टरवादी इस्लाम का मसीहा बनाने की कोशिश की
इमरान ख़ान के भाषण का अहम विषय कश्मीर और इस्लामोफोबिया रहा. एक प्रकार से इमरान ख़ान कट्टरवादी इस्लाम का का मसीहा बनाने की कोशिश कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने खुद को इस्लामिक देशों का सबसे बड़ा नेता भी साबित करने का प्रयास किया. इसके बाद इमरान ख़ान कश्मीर के मुद्दे पर आ गए. और 14 मिनट से लम्बा भाषण दिया. उन्होंने UNGA के मंच पर वही बातें दोहराई, जो पिछले डेढ़ महीने से वो लगातार कर रहे हैं. उन्होंने भारत का ज़िक्र करते हुए, कश्मीर वाला एजेंडा चलाया.
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इमरान खान ने कांग्रेस सरकार में पूर्व गृह मंत्री का ज़िक्र करते हुए, UNGA के मंच से RSS और नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और हिन्दु आतंकवाद जैसे शब्द को भुनाने की भी कोशिश की. इमरान खान को देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा था, कि वो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर UNGA में भाषण दे रहे हैं बल्कि आज इमरान ख़ान किसी कट्टरपंथी मौलाना की तरह अपना भाषण दे रहे थे.