महाराष्ट्र चुनाव: त्रेतायुग में इस्लाम नहीं था... अमरावती में योगी का `बजरंग बाण`
Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के जुबानी हमले तेज हो गए हैं. फायरब्रांड नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) जहां हिंदुत्व के मुद्दे पर अपने चुनावी कैंपेन को धार दे रहे हैं, वहीं AIMIM पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) अपने अंदाज में विरोधियों को जवाब दे रहे हैं.
CM Yogi Maharashtra Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के सियासी समर में जुबानी जंग तीखी और धारदार होती जा रही है. इस बीच बीजेपी (BJP) के फायरब्रांड नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमरावती में चुनाव प्रचार के दौरान ने एक बड़ा बयान दिया है. योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'तेत्रायुग में बजरंगबली थे, इस्लाम नहीं था...उस वक्त दुनियाभर में कहीं भी इस्लाम का नामोनिशान नहीं था.'
महाराष्ट्र में योगी का 'बजरंग बाण'
योगी आदित्यनाथ बीते साल भर में महाराष्ट्र में चले सियाली घटनाक्रमों को लेकर आक्रामक हो रहे हैं. वो महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा बजाने और लाउडस्पीकरों का मुद्दा जो काफी चर्चा में रहा था उसे अपने हिसाब से उठा रहे हैं. मानों वो हिंदू मतदाताओं को रिकैप यानी फास्ट फार्वर्ड में पुरानी बातें याद दिला रहे हों. अपनी बात आगे बढ़ाते हुए सीएम योगी ने कहा कि हनुमान चालीसा के पाठ से किसे दिक्कत हो रही है. उनके बारे में क्या ही कहा जाए. जिन्हें बजरंगबली पसंद नहीं है, उन्हें जो पसंद है वो वहां जाएं.'
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महाराष्ट्र और हनुमान चालीसा विवाद
आपको बताते चलें कि अप्रैल 2022 में महाराष्ट्र में हनुमानचालीसा के पाठ को लेकर काफी सियासी घमासान हुआ था. इस मामले में मनसे प्रमुख राज ठाकरे से लेकर अमरावती की तत्कालीन सांसद नवनीत राणा और उनके पति पर लीगल एक्शन हुआ था. दरअसल नवनीत राणा ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा पाठ करने का ऐलान किया था. नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को रविवार को जेल जाना पड़ा था. पुलिस ने नवनीत और रवि राणा को धारा 153 ए यानी धर्म के आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के मामले में गिरफ्तार किया था.
इसके अलावा मस्जिदों में लाउडस्पीकर के मामले ने भी महाराष्ट्र में खूब तूल पकड़ा था. ऐसे में अब एक बार फिर आस्था से जुड़े मामलों की याद दिलाकर महाविकास अघाड़ी की तत्कालीन सरकार के फैसलों का हवाला देकर बीजेपी, एमवीए यानी कांग्रेस, उद्धव सेना और एनसीपी (शप) को घेर रही है.