भारत के महान ग्रंथ महाभारत में.. अर्जुन का किरदार बहुत महत्वपूर्ण है. कौरवों के पास अर्जुन के अचूक निशाने का कोई जवाब नहीं था. अर्जुन का मतलब है एकाग्रता, धैर्य और वीरता. आज भारत की पराक्रमी सेना में भी एक ऐसा ही अर्जुन है. ये एक टैंक है जिसका नाम है... अर्जुन. इसे अर्जुन MBT भी कहा जाता है. MBT का मतलब है Main Battle Tank. अर्जुन टैंक का निशाना भी महाभारत के अर्जुन की तरह एकदम अचूक है. Mordern Warfare में टैंक का काम होता है युद्ध के मैदान में रास्ता बनाना. टैंक आगे चलता है... फौज उसके पीछे चलती है. एक अच्छे टैंक का सबसे बड़ा गुण है. शत्रु की ज़मीन को बिना रुकावट के लगातार कुचलते जाना. सौभाग्य से भारत के पास अर्जुन टैंक है जिसके अंदर ये सारे गुण मौजूद हैं. अर्जुन टैंक ने कई बार अपनी योग्यता को सिद्ध किया है. 

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गर्व की बात ये है कि ये पूरी तरह से स्वदेशी है. इसे Defence Research and Development Organization.. यानी DRDO ने बनाया है. भारत के सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने अपनी वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारत Defence Industry में आत्मनिर्भर होना चाहता है. अर्जुन टैंक का निर्माण इस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण और अच्छा प्रयास है. 


अर्जुन टैंक को 1 हज़ार 400 Horsepower के Engine से ताकत मिलती है. 
अर्जुन टैंक की अधिकतम रफ्तार 67 किलोमीटर प्रति घंटा है. 
ऊंचे-नीचे रास्तों पर ये टैंक 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है. 

वर्ष 2009 में अर्जुन टैंक को भारतीय सेना में शामिल किया गया था. इससे पहले अर्जुन टैंक को Experts की टीम ने अच्छी तरह जांचा-परखा. 30 वर्ष के Research के बाद अर्जुन टैंक को सेना में शामिल किया गया. इस समय अर्जुन टैंक की 2 Regiments राजस्थान में भारतीय सीमाओं की रक्षा कर रही हैं

Zee News की टीम ने राजस्थान में पाकिस्तान से लगने वाले Border पर Ground Reporting की है. राजस्थान... वीरों की भूमि है. यहां की मिट्टी चंदन है जिसमें शौर्य और बलिदान की खुशबू है. भारत के लोग राजस्थान की धूल को भी अपने माथे से लगाते हैं. और वहीं से हमने आपके लिए एक Special Report तैयार की है. इस रिपोर्ट में ऐसी तस्वीरें हैं जो आपके मन को रोमांचित कर देंगी.