ZEE जानकारीः सिस्टम की भ्रष्ट नीयत ने, देश में अतिक्रमण के कैंसर को हर शहर में फैला दिया है
भारत में लोग...सड़कों और फुटपाथ पर अतिक्रमण करते हैं . खाली पड़ी सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लेते हैं. यहां तक कि पार्क और Green Belt को भी नहीं छोड़ते. सिस्टम में बैठे भ्रष्ट अधिकारी अतिक्रमण करने वालों की पूरी मदद करते हैं और चुप रहने की पूरी कीमत वसूल करते हैं.
अगर कोई देश भारत की ज़मीन पर एक इंच का भी अतिक्रमण कर ले तो हम बेचैन हो जाते हैं. हम दुश्मन से युद्ध करते हैं और अपनी ज़मीन को वापस लेने की हर संभव कोशिश करते हैं. पाकिस्तान और चीन जैसे देशों की ऐसी हरकतों के खिलाफ हमारे देश की हर गली में वीर रस से भरे हुए बयान दिए जाते हैं. लेकिन जब देश के अंदर, किसी भी इलाक़े में कोई अवैध कब्ज़ा करता है तो ये जोश ठंडा हो जाता है . भारत में लोग...सड़कों और फुटपाथ पर अतिक्रमण करते हैं . खाली पड़ी सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लेते हैं. यहां तक कि पार्क और Green Belt को भी नहीं छोड़ते. सिस्टम में बैठे भ्रष्ट अधिकारी अतिक्रमण करने वालों की पूरी मदद करते हैं और चुप रहने की पूरी कीमत वसूल करते हैं.
यही वजह है कि आजकल अवैध कब्ज़ा करने वालों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वो अधिकारियों को गोली मारने लगे हैं. हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक होटल के अवैध निर्माण को रोकने गई PWD की टीम पर... होटल के मालिक ने गोली चला दी और इसकी वजह से एक महिला अधिकारी की मौत हो गई. सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश की सरकार को ये आदेश दिया था कि सोलन ज़िले में बने Hotels के अवैध निर्माण को तोड़ दिया जाए . लेकिन जब कार्रवाई हुई तो अवैध कब्ज़ा करने वालों ने बंदूक निकाल ली और गोली मार दी. ये घटना भले ही हिमाचल प्रदेश की है लेकिन इसका असर पूरे देश पर पड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस महिला अधिकारी को पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं दी गई ? ये हमारे सिस्टम की एक बहुत बड़ी नाकामी है कि वो पहले रिश्वत लेकर अतिक्रमण को बढ़ने देता है और जब कार्रवाई का नंबर आता है तो आधी-अधूरी तैयारी के साथ अपने अधिकारियों को भेज देता है. लोगों में अवैध कब्ज़ा करने के लालच और सिस्टम की भ्रष्ट नीयत ने, देश में अतिक्रमण के कैंसर को हर शहर में फैला दिया है. अभी ये कैंसर First Stage पर है. लेकिन अगर इसका इलाज नहीं हुआ तो ये Last Stage पर पहुंच जाएगा.
हमारा आज का विश्लेषण फुटपाथ, सड़क और सार्वजनिक संपत्ति को अपनी जागीर समझने वाले लोगों को आईना दिखाएगा. हम उन लोगों की भी ख़बर लेंगे.. जो आधिकारिक पार्किंग में अपनी गाड़ी खड़ी करने के बजाए सड़कों पर ही अपनी गाड़ी पार्क कर देते हैं . आज हमारी टीम नोएडा के कुछ इलाकों में गई और हमने ये जानने की कोशिश की मल्टीलेवल पार्किंग होने के बाद लोग सड़कों गाडियां क्यों खड़ी करते हैं . अपनी रिपोर्टिंग में हमने पाया कि लोग बड़ी लापरवाही के साथ ये कहते हैं कि बस 5 मिनट में चले जाएंगे . ये वो लोग है जो पहले infrastructure न होने की शिकायत करते हैं लेकिन जब सुविधा मिल जाती है तो इसका इस्तेमाल नहीं करते.