Maharashtra Vidhansabha AI Survey: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अब बस दो महीने दूर रह गए हैं. ऐसे में राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां भी जोर पकड़ रही हैं. जी मीडिया ने भी एक बड़ा AI सर्वे करके जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की है. सर्वे में लोगों से पूछा गया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर वे किसे पसंद करेंगे. इस पर लोगों ने जो जवाब दिया, उसके बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे. आइए जानते हैं कि जनता महाराष्ट्र में किसे सीएम देखना चाहती है.


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महाराष्ट्र में किसे सीएम देखना चाहती है जनता?


एआई एंकर जीनिया के सर्वे में लोगों ने सबसे ज्यादा तरजीह देवेंद्र फड़णवीस के नाम को दी और मुख्यमंत्री पद के लिए उन्हें पहली पसंद बताया. जबकि एकनाथ शिंदे को दूसरे और उद्धव ठाकरे को तीसरे नंबर की पसंद बताया. 


जब राज्य की जनता से पूछा गया कि क्या राज्य में कोई पार्टी अपने दम पर सत्ता हासिल कर सकती है तो 38 फीसदी लोगों ने बीजेपी का नाम लिया. वहीं 22 फीसदी लोगों ने शिवसेना शिंदे गुट को वोट दिया. शिवसेना उद्धव ठाकरे ग्रुप की बात कहने वाले 17 फीसदी लोग रहे. जबकि सिर्फ 14 फीसदी लोगों ने कांग्रेस पार्टी और 9 फीसदी लोगों ने एनसीपी शरद चंद्र पवार की पार्टी को प्राथमिकता दी.


पार्टी टूटने से क्या उद्धव ठाकरे को मिलेगी सहानुभूति?


हमने राज्य की जनता से पूछा कि क्या शिवसेना पार्टी के विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे को लोगों से सहानुभूति मिलेगी? इस पर 35 फीसदी लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी. इनमें 35 फीसदी लोगों को लगता है कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे को सहानुभूति मिलेगी, जबकि 45 फीसदी लोगों को लगता है कि ठाकरे को सहानुभूति नहीं मिलेगी. 20 फीसदी लोगों ने अपनी कोई राय व्यक्त नहीं की. 


जीनिया एंकर के इस एआई सर्वे को बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है. लोकसभा चुनाव में महायुति को बड़ा झटका झेलना पड़ा था. अब अपने फेवर में माहौल बनाने के लिए शिंदे सरकार लड़की बहिन योजना और लड़का भाऊ योजना लेकर आई है. ऐसे में हमने लोगों से पूछा कि क्या इस योजना से अगले असेंबली चुनाव से महायुति गठबंधन को फायदा होगा तो 55 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया. जबकि 30 फीसदी लोगों का कहना है कि यह योजना गेम चेंजर नहीं होगी.


भ्रष्टाचारियों को पार्टी में लेना कितना सही?


विपक्ष बार-बार बीजेपी पर भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को पार्टी में लेने का आरोप लगाता रहा है. इसलिए हमने सवाल पूछा कि क्या भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं को सरकार में जगह देना कितना सही है. उस पर  20 फीसदी लोगों ने कहा कि जिन लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उन्हें सरकार में जगह देने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. वहीं 70 फीसदी लोगों ने कहा कि जिन लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं उन्हें पार्टी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. 10 प्रतिशत लोगों ने कोई कमेंट करने से इनकार कर दिया. 


क्या मराठा आरक्षण का मुद्दा करेगा काम?


मराठा आरक्षण भी महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा मुद्दा बना हुआ है और इसे लेकर मनोज जारांगे लगातार सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. जरांगे के 29 अगस्त को असेंबली चुनाव लड़ने की घोषणा करने की भी संभावना है. इसलिए जब हमने जनता से पूछा कि क्या इस साल के चुनाव में मराठा आरक्षण का मुद्दा प्रभावी होगा, तो 45 फीसदी लोगों ने हां में और 45 प्रतिशत ने ना में जवाब दिया. वहीं 10 फीसदी लोगों ने कोई राय व्यक्त नहीं की. 


हमने लोगों से सवाल पूछा कि क्या चुनाव में जाति, धर्म और संविधान के मुद्दे प्रभावी होंगे? इस पर 35 फीसदी लोगों ने कहा कि संविधान की रक्षा का मुद्दा विधानसभा में प्रभावी होगा, जबकि 55 फीसदी लोगों का मानना ​​है कि संविधान की रक्षा का मुद्दा विधानसभा में प्रभावी नहीं होगा. 10 फीसदी लोगों ने कहा कि वे नहीं बता सकते


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