Why Nitisha Kaul Sent Back from Airport: ना जाने क्यों हमारे देश में कुछ राजनेताओं और पार्टियों को देश विरोधी व्यक्ति में अपनापन झलकता है. ना जाने क्यों हमारे देश के ही कुछ नेता और पार्टियां, भारत विरोधी बातें करने वालों को बुद्धिजीवी मानकर, उनके व्याख्यानों को सुनना और जनता को जबरदस्ती सुनवाना चाहते हैं.


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आपमें से बहुत सारे लोग निताशा कौल को नहीं जानते होंगे. वो भारतीय थीं, काफी समय पहले उन्होंने ब्रिटिश नागरिकता ले ली थी. उनका एक खास एजेंडा है, वो भारत के विरोध में जो मन में आता है वो बोलती हैं. वैसे तो वो खुद को एक प्रोफेसर बताती हैं, लेकिन भारत के लिए वो टुकड़े- टुकड़े गैंग की समर्थक हैं. हम आज निताशा कौल की बात इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने उन्हें अपने यहां होने वाले एक कॉन्फ्रेंस में व्याख्यान देने के लिए बुलाया था.


कर्नाटक सरकार ने भारत विरोधी महिला को क्यों बुलाया


एक देश विरोधी व्यक्ति को कर्नाटक सरकार ने संविधान और राष्ट्रीय एकता पर विचार रखने के लिए आमंत्रित किया था. 24 और 25 फरवरी यानी बीते शनिवार और रविवार को बेंगलुरू में ये कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी. इसका टॉपिक था- The Constitution & unity Of India.इसे देश के साथ एक भद्दा मज़ाक ही कहा जाएगा कि एक ऐसी महिला को भारत के संविधान और एकता पर बोलने के लिए बुलाया गया था, जो कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध करती हैं.



जो खुद कश्मीरी पंडित होने के बावजूद कहती हैं कि 90 के दशक में हुआ हिंदुओं का नरसंहार, आतंकियों की सशस्त्र क्रांति है. जो आतंकियों को कश्मीरी पंडितों के पलायन का जिम्मेदार नहीं मानती है. जो कश्मीर के पत्थरबाजों की तुलना जलियांवाला बाग के शहीदों से करती हैं. जो दुनिया को बताती हैं कि कश्मीर पर भारत का कब्जा है.


आतंकी बुरहान वानी का करती है समर्थन


यही नहीं वो आतंकी बुरहान वानी का समर्थन करती हैं. वो भारत सरकार का विरोध दुनियाभर के मंचों पर करती हैं. वो अमेरिकी संसद में भारत पर प्रतिबंध लगाए जाने की वकालत कर चुकी हैं. वो भारत सरकार और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के खिलाफ फेक न्यूज़ फैलाती है.


भारत विरोधी बयानबाजी करने वाली ऐसी निताशा कौल को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने संविधान, सामाजिक न्याय और पहचान जैसे मुद्दों पर व्याख्यान देने के लिए बुलाया था. लेकिन निताशा कौल का भारत आकर भारत के विरोध में बोलने की सपना, सपना ही रह गया. निताशा कौल को बेंगलुरू एयरपोर्ट पर उतरने के बाद इमिग्रेशन से बाहर नहीं आने दिया गया.


उन्हें वापस उनके देश ब्रिटेन भेज दिया गया है. भारत सरकार के इस कदम से निताशा कौल समेत कई भारत विरोधी बुद्धिजीवी चिढ़ गए हैं. यही नहीं इस पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीति जंग भी छिड़ गई है.


भारत के टुकड़े करने का मन में सपना


निताशा कौल, कई मंचों से भारत विरोधी बातें कह चुकी हैं. वो देश के टुकड़े करने का सपना भी देखती हैं. वर्ष 2019 में किए गए उनके एक ट्वीट के बारे में हम आपको बताना चाहते हैं. इस ट्वीट में वो भारत के टुकड़े करने का ख्वाब देख रही हैं. इसमें उन्होंने लिखा है कि वर्ष 1947 में कश्मीरियों को जनमत संग्रह का वादा किया गया था जो पूरा नहीं हुआ. उनका मानना है कि कश्मीर को भारत से अलग कर देना चाहिए.


इस ट्वीट से इतना तो पता चल ही रहा है, कि कश्मीर को लेकर निताशा कौल जैसे देश विरोधियों का मंसूबा क्या है. निताशा कौल को पता है कि पाकिस्तान, कश्मीर पर अपना हक नहीं जता सकता है, इसीलिए वो दूसरे तरीके से पाकिस्तान के पक्ष में अपनी बात रख रही हैं. वो कश्मीर को भारत से अलग करने के नए तरीके सुझा रही हैं. क्या भारत के टुकड़े करने की सोच रखने वालों को देश के किसी मंच पर बोलने का अधिकार है?


फेक न्यूज फैक्ट्री 24 घंटे करती है काम


ठीक ऐसे ही वर्ष 2016 में भी निताशा कौल ने एक ट्वीट किया था. इसमें भी वो कश्मीर को भारत का हिस्सा मानने से इनकार कर रही हैं. भारत विरोधी निताशा कौल ने अमेरिकी कांग्रेस में भारत पर कश्मीर में नरसंहार का आरोप लगाया था. उनके मुताबिक कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. उन्होंने इस मामले में वहां पर गवाही दी थी. उन्होंने ये झूठ फैलाया था कि कश्मीर में लोगों को मारा जा रहा है.


वो भारत में अशांति फैलाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही हैं. चाहे इसके लिए कश्मीर में आतंकियों का समर्थन हो, पत्थरबाजों को बढ़ावा देना हो या फिर पाकिस्तान जाकर भारत विरोधी बयानबाजी करना हो. हर मामले में निताशा कौल की fake news Factory 24 घंटे काम करती रहती है.


पाकिस्तान के कई आतंकी संगठनों से संबंध


निताशा कौल की fake news Factory भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. इसका एक उदाहरण वर्ष 2018 से मिलता है. वर्ष 2018 में निताशा कौल ने India’s obsession with Kashmir: democracy, gender,(anti-)nationalism नाम से एक पेपर पब्लिश किया था. इस पेपर में उन्होंने भारत विरोधी एजेंडा चलाया था. इसमें उन्होंने भारत पर कश्मीरी महिलाओं के खिलाफ यौन अत्याचार करने का झूठ फैलाया था.


निताशा कौल की भारत विरोधी मानसिकता कई वर्षों से भारत की छवि खराब कर रही है. वर्ष 2022 में हमने ही आपको DNA में बताया था कि Indian American Muslim Council नाम की अमेरिकी संस्था के तार सिमी और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं. निताशा कौल उसी भारत विरोधी Indian American Muslim Council के मंच पर जाकर भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाती रही हैं.


भारत विरोधी अयूब ठाकुर के साथ मंच शेयरिंग


IAMC ही नहीं निताशा कौल कई बार मुजम्मिल अयूब ठाकुर नाम के व्यक्ति के साथ मंच साझा कर चुकी है. मुजम्मिल अयूब ठाकुर पर वर्ष 2022 में कश्मीर पुलिस ने भारत की संप्रभुता को ठेस पहुंचाने के आरोप लगाते हुए UAPA के तहत केस दर्ज किया था. इतना ही नहीं, मुज्जमिल अयूब ठाकुर, मोहम्मद अयूब ठाकुर का बेटा है, मोहम्मद अयूब ठाकुर पर आतंकियों को फंड उपलब्ध करवाने का आरोप है. 


ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड ने एक मामले की जांच में पाया था कि मोहम्मद अयूब ठाकुर के संबंध हिजबुल मुजाहिद्दीन से भी हैं. यही नहीं मोहम्मद अयूब ठाकुर पर वर्ष 2011 में ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ ने बड़ा खुलासा किया था. उनके मुताबिक अयूब की संस्था mercy universal के सीधे संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से हैं.


पाकिस्तान में भारत के खिलाफ उगला जहर


निताशा कौल के संबंध पाकिस्तान से भी हैं. जैसा कि लोग जानते हैं कि भारत विरोधी लोगों की, पाकिस्तान में बहुत इज्जत है. इसीलिए निताशा कौल के पाकिस्तान में बहुत सारे फैन हैं. वर्ष 2020 में निताशा कौल को पाकिस्तान के लाहौर लिटरेचर फेस्टिवल का बुलावा आया था. वहां जाकर उन्होंने भारत विरोधी बयान दिए थे और भारत की चुनावी व्यवस्था और लोकतंत्र पर सवाल उठाए थे. 


अब विडंबना देखिए पाकिस्तान जैसे देश, जहां जनता लोकतंत्र का मतलब भी नहीं जानती, उस देश में निताशा कौल जैसे झूठे लोग, भारतीय लोकतंत्र के विरोध में बोल रहे थे. निताशा के भारत विरोधी बयानों का पाकिस्तान ने कई बार फायदा उठाया है. निताशा के बयानों के आधार पर वो भारत के खिलाफ, दुनियाभर में प्रोपेगेंडा फैलाता है.


भारतीय पहनावा पहनकर रचती है स्वांग


वर्ष 2020 में पाकिस्तान के सरकारी थिंक टैंक 'INSTITUTE OF STRATEGIC STUDIES' ने कश्मीर पर एक सेमिनार आयोजित किया था. इस सेमिनार के मुख्य अतिथि पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति आरिफ अल्वी थे. इस सेमिनार में पाकिस्तान के पूर्व अतिरिक्त विदेश सचिव और ISS के DG एजाज़ अहमद चौधरी ने निताशा कौल के बयानों को आधार बनाकर, भारतीय शासन की तुलना हिटलर के नाजी शासन से की थी.


निताशा कौल एक ऐसे वर्ग से आती हैं, जो खास भारतीय परिधान पहनता है, हाथों में लैपटॉप या कोई किताब रखता है. इसके अलावा वो खास बुद्धिजीवी लुक लेकर, लोगों के बीच जाता हैं. ऐसे लोग आमजन के बीच खुद को सामान्य दिखाने की कोशिश करते हैं. वो अंग्रेजी भाषा के बड़े बड़े शब्दों का प्रयोग करके लोगों को भ्रमित करते हैं. निताशा कौल, हर विदेशी मंच पर भारत के विरोधी में खड़ी हो जाती हैं. चाहे उस मुद्दे से उनका लेना देना हो या ना हो. एक ऐसे व्यक्ति को भारत में व्याख्यान देने का निमंत्रण देना, जिसका सपना भारत के टुकड़े करना हो, शर्मनाक स्थिति ही कही जाएगी.