नई दिल्‍ली : पीएम मोदी के इंटरव्‍यू को लेकर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने ANI की एडीटर स्‍म‍िता प्रकाश पर निशाना साधा था. उन्‍होंने महिला पत्रकार के लिए 'लचीला' (pliable) शब्‍द इस्‍तेमाल किया था. इसके बाद उनके इस बयान की आलोचना भी हुई. राहुल गांधी के बयान पर जी न्‍यूज (Zee News) के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने उन्‍हें अक्‍टूबर 2018 में भेजा अपना वह पत्र याद कराया, जिस पर कांग्रेस अध्‍यक्ष ने आज तक चुप्‍पी साध रखी है. सुधीर चौधरी ने अपने ट्वटिर हैंडल पर वह पत्र शेयर किया.


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अपने इस ट्वीट में उन्‍होंने लिखा, 'कांग्रेस अध्‍यक्ष के द्वारा पत्रकारों को निशाना बनाए जाने पर कतई आश्‍चर्य नहीं है. उनकी सोच हमेशा यही रही है कि my way or the highway. वह उन सभी पर निशाना साधते हैं, जो लचीले नहीं हैं. मैं एक पत्र शेयर कर रहा हूं जो राहुल गांधी को अक्‍टूबर 2018 में लिखा था. इस पर उन्‍होंने कोई जवाब नहीं दिया है.'



क्‍या लिखा था पत्र में...
सुधीर चौधरी समेत जी न्यूज के स्टेट ब्यूरो हेड और पालिटिकल एडिटर ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि जी न्यूज किसी का माउथपीस नहीं हैं. आपके प्रवक्‍ता डि‍बेट में बीजेपी का माउथपीस होने का आरोप लगाते हैं. जब उनके पास तथ्‍य नहीं होते तो वह इस तरह के आरोप लगाते हैं. यह नीत‍ि बि‍ल्‍कुल हि‍ट एंड रन की तरह है. लेकि‍न हम अपनी ड‍िबेट में हर मत और विचार को शाम‍िल करना चाहते हैं.


पीएम मोदी के इंटरव्‍यू के बाद राहुल ने उठाए थे सवाल
वरिष्ठ महिला पत्रकार स्‍म‍िता प्रकाश ने 1 जनवरी 2019 को पीएम मोदी का साक्षात्कार ल‍िया था. इसी पर राहुल गांधी ने न‍िशाना साधा था. पत्रकार संगठनों ने इस मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष के प्रति अपनी नाराजगी तो जाहिर की ही साथ ही साथ यह मांग भी रखी कि राहुल गांधी अपनी टिप्पणी के लिए माफी भी मांगें.


आपको बता दें कि नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (इंडिया) से संबद्ध दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (डीजेए) को एएनआई की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक और लंबा साक्षात्कार करने वाली वरिष्ठ महिला पत्रकार के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा इस्तेमाल की गई टिप्पणी 'लचीला' (pliable) के इस्तेमाल पर कोई आश्चर्य नहीं है. गुरुवार को जारी एक संयुक्त बयान में, डीजेए के अध्यक्ष मनोहर सिंह और महासचिव प्रमोद कुमार ने कहा कि एक पत्रकार के साथ सिर्फ इसलिए बुरा बर्ताव करना क्योंकि उसने एक प्रतिद्वंदी राजनेता का साक्षात्कार किया है, गलत बात है और मैसेंजर को दबाने (हतोत्साहित) करने जैसा है. उन्होंने अपने बयान में आगे यह भी कहा कि यह एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के एक वरिष्ठ नेता का अनुचित और असंतुलित होना है.