Zojila Tunnel Project: सभी मौसमों में कश्मीर घाटी और लद्दाख के बीच कनेक्टिविटी देने वाली जोजिला सुरंग को बनकर तैयार होने में अभी और वक्त लगेगा. मुश्किल भौगोलिक स्थिति और मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण इस सुरंग के पूरे होने की डेडलाइन बढ़ा दी गई है. 


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अधिकारियों ने बताया कि अभी जोजिला दर्रे को पार करने में 4 घंटे का वक्त लगता है. लेकिन यह सुरंग बनने के बाद समय 15 मिनट रह जाएगा. बताया जाता है कि यह एशिया की अपनी तरह की सबसे लंबी सुरंग होगी और सबसे ज्यादा ऊंचाई पर होगी.


40 परसेंट काम हो गया पूरा


अधिकारियों ने बताया कि 13 किलोमीटर लंबी इस सुरंग का 40 परसेंट कंस्ट्रक्शन वर्क पूरा हो चुका है लेकिन भौगोलिक स्थिति और मौसम ऐसी चुनौतियां खड़े कर रहे हैं कि बाकी काम में इतना ज्यादा वक्त लग रहा है. 


सीमा सड़क संगठन (BRO) के कैप्टन आई के सिंह ने कहा,'यह हिमस्खलन के जोखिम से भरा क्षेत्र है. मौसम और भौगोलिक स्थिति के कारण पैदा हुई कठिनाइयों के चलते निर्माण कार्य कई बार रोकना पड़ा. 


यह सुरंग दिसंबर, 2026 तक बनकर तैयार हो जानी थी. लेकिन अब चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसकी डेडलाइन बढ़ाकर दिसंबर 2030 कर दी गई है.'  श्रीनगर-करगिल-लेह नेशनल हाईवे पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे पर यह सुरंग प्रोजेक्ट रणनीतिक रूप से अहम है. 


हर मौसम में मिलेगी कनेक्टिविटी


यह हाईवे भारी हिमपात के कारण सर्दी के मौसम में बंद रहता है जिससे लद्दाख क्षेत्र का कश्मीर से संपर्क कट जाता है.यह सुरंग इस रुकावट को दूर करेगी और लद्दाख के लिए सभी मौसमों में कनेक्ट करने वाली साबित होगी. यह सुरंग मध्य कश्मीर में गांदेरबल जिले के बालटाल से लद्दाख के करगिल जिले के मिनिमार्ग तक होगी.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में जोजिला सुरंग की आधारशिला रखी थी. मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 6,800 करोड़ रुपये की लागत से इस सुरंग के निर्माण, संचालन और रखरखाव की मंजूरी दी थी.


(इनपुट-पीटीआई)