नई दिल्ली: वैश्विक महामारी के बाद देश तेजी डिजिटलाइजेशन की तरफ कदम बढ़ा रहा है. ऐसे में कई बैंको (Banks) ने भी ग्राहकों की सुविधा के लिए डिजिटल बैंकिंग (Digital Banking) तरफ बढ़ रहा है. कई सरकारी बैंक ई-बैंकिंग (e- Banking) सेवाओं की पूर्ति के लिए लिटरल हायरिंग की तैयारी में हैं. लिटरल हायरिंग (Lateral Hiring) करने वालों में देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) प्रमुख है. आपको बता दें कि डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए बैंक अब मिड लेवल और जुनियर लेवल पर भी लिटरल हायरिंग करेगा. इसमें जिसमें आईटी सेक्टर और प्राइवेट बैंक से जुड़े लोगो को अवसर दिया जाएगा.


क्या है लिटरल हायरिंग?


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लिटरल हायरिंग वो प्रक्रिया है जिसमें किसी विशेष कार्य के लिए विशेषज्ञ की भर्ती किसी दूसरे संस्थान से की जाती है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के मुताबिक, डायरेक्ट हायर किए कर्मचारी और प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO) की सैलरी भी अलग-अलग होती है. इंटरनल कैंडिडेड एक परमानेंट एम्प्लोई होता है. जबकि लिटरल हायरिंग वाले कर्मचारी एक संविदा पर भर्ती किए जाते हैं.


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बैंक ऑफ बड़ौदा में जॉब करने का मौका


बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) डिजिटल लैंडिंग और मोबाइल बैंकिंग जैसे कुछ वर्टिकल के लिए लेटरल हायरिंग कर रहा है. अप्रैल 2019 में देना बैंक और विजया बैंक का BoB में विलय कर दिया था. वित्त वर्ष 2015 के अंत में बैंक में 84,000 से अधिक कर्मचारी थे. इस बैंक के मोबाइल बैंकिंग ग्राहक साल दर साल आधार पर 31 दिसंबर तक दोगुने से भी अधिक हो गए हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा कॉन्ट्रेक्ट बेस पर मिड लेवल और जूनियर लेवर पर लिटरल हायरिंग के कंसल्टेंट नियुक्त करने की योजना बना रहा है


SBI इन पदों पर देगा अवसर


एसबीआई ने अपने FY20 की रिपोर्ट में कहा कि वो अपने वेल्थ मैनेजमेंट, आईटी, इंफोर्मेशन सेक्योरिटी, रिस्क एवं क्रेडिट एरिया को देखने के लिए कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर लिटरल हायरिंग कर रहा है. यह तेजी से बदलते परिदृश्य की मांग और नियामक मानदंडों को पूरा करने के लिए है. 


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