नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ स्थित कटघोरा से डोंगरगढ़ के बीच 294.53 किलोमीटर की नई ब्रॉडगेज विद्युतीकृत रेल लाइन को मंजूरी प्रदान कर दी. इस परियोजना से छत्‍तीसगढ़ के कोरबा, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम तथा राजनांदगांव जिलों को लाभ मिलेगा . इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर औद्योगिक विकास संभव हो सकेगा. रेल मंत्रालय तथा छत्‍तीसगढ़ सरकार की इक्विटी भागीदारी के साथ परियोजना की अनुमानित लागत 5950.47 करोड़ रुपये है. यह अपनी तरह की पहली परियोजना है और इसे राज्‍य संयुक्‍त उद्यम मार्ग से चलाया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडलीय आर्थिक समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई.


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रेलगाड़ियों को समय से चलानें में होगी आसानी
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार इस परियोजना से छत्तीसगढ़ के अछूते क्षेत्रों के लिए औद्योगिक विकास का द्वार खुल जाएंगे. इससे हावड़ा मुंबई मार्ग के व्‍यस्‍त झरसुगुडा-नागपुर सेक्‍शन से माल की आवाजाही होगी और रेलगाड़ियों को बिलासपुर-चांपा तथा दुर्ग स्‍टेशनों के व्‍यस्‍त यार्डों से नहीं गुजरना होगा.


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रेल मंत्रालय और छत्‍तीसगढ़ सरकार का संयुक्त उद्यम है
यह परियोजना वर्तमान झरसुगुड़ा-नागपुर मार्ग पर भीड़ कम करेगी साथ ही एसईसीआर के पश्चिम की ओर जाने वाले यातायात को तेज मार्ग उपलब्‍ध कराएगी. छत्‍तीसगढ़ रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीआरसीएल) रेल मंत्रालय तथा छत्‍तीसगढ़ सरकार की 49:51 अनुपात का संयुक्‍त उद्यम है, जिसे कंपनी अधिनिमय 2013 के अंतर्गत कंपनी का रूप दिया गया है. रेल मंत्रालय और छत्‍तीसगढ़ सरकार संयुक्‍त रूप से विभिन्‍न राज्‍यों में रेल परियोजनाओं की पहचान, संसाधन एकत्रीकरण और निगरानी करेंगी. इसके लिए सीआरसीएल ने एक विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की है.