भारतीय रेलवे में 3 लाख कर्मचारियों की हो सकती है छंटनी, रेलवे बोर्ड ने सभी जोन प्रमुख को लिखी चिट्ठी
भारतीय रेलवे कर्मचारियों की बंपर छंटनी की तैयारी कर रहा है. रेलवे की तरफ से 55 साल से ज्यादा की उम्र वाले कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार चल सकती है. रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन प्रमुख को लिखी चिट्ठी लिखकर सभी जोन के कर्मचारियों की परफारमेंस रिव्यू का आदेश दिया है.
नई दिल्ली : भारतीय रेलवे तीन लाख कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी कर रहा है. रेलवे की तरफ से 55 साल से ज्यादा की उम्र वाले कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार चल सकती है. रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन प्रमुख को लिखी चिट्ठी लिखकर सभी जोन के कर्मचारियों की परफारमेंस रिव्यू का आदेश दिया है. मंत्रालय के सभी जोनल मैनेजर को 55 वर्ष से अधिक आयु वाले कर्मचारियों की लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया गया है. इतना ही नहीं मंत्रालय के आदेश के अनुसार ऐसे रेलवे कर्मचारियों की भी सूची तैयार करने के लिए कहा गया है जिनकी 2020 के पहले तिमाही तक रेलवे में नौकरी के 30 वर्ष पूरे हो रहे हैं.
घटाकर 10 लाख की जाएगी कर्मचारियों की संख्या!
रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन मैनेजर को कर्मचारियों के परफॉर्मेंस रिव्यू करने के लिए कहा है. रेलवे बोर्ड की जोन जीएम को लिखी चिट्ठी के मुताबिक सभी कर्मचारियों का परफॉर्मेंस रिव्यू कर सर्विस रिकॉर्ड तैयार करने के लिए कहा है. तीन लाख कर्मचारियों की छंटनी के जरिये रेलवे अपने 13 लाख से ज्यादा कर्मचारियों की संख्या को 10 लाख तक लाना चाहता है. रेलवे बोर्ड की तरफ से 27 जुलाई को लिखी गई चिट्ठी में सभी जोन से 9 अगस्त तक पूरी सूची भेजने के लिए कहा गया है.
इस आधार पर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया
परफॉर्मेंस रिव्यू के तहत सभी जोन से कर्मचारियों के फिजिकल फिटनेस, मेंटल फिटनेस के साथ साथ रोजाना हाजिरी (अटेंडेंस) और अनुशासन (डिसिप्लिन) को लेकर रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया गया है. रेलवे से जुड़े एक सूत्र ने बताया है यह एक समय-समय पर किया जाने वाला रिव्यू है जिसके जरिए उन कर्मचारियों की पहचान की जाती है जो ठीक से काम नहीं कर रहे होते और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें समय से पहले रिटायर किया जाता है. यह सरकार इस तरह की कार्रवाईयों को लेकर काफी सीरियस है.
लोकसभा में हाल ही में यह जानकारी दी गई थी कि अलग-अलग विभागों में काम करने वाले ग्रुप-A और ग्रुप-B के 1.19 लाख से भी ज्यादा अफसरों की परफॉर्मेंस की जांच की गई थी. ऐसा समय से पहले रिटायरमेंट वाले नियम के तहत किया गया था. कर्मचारियों की मानसिक और शारीरिक फिटनेस के अलावा कर्मचारियों का संसाधनों के खर्च को लेकर भी रवैया पूछा गया है. वह पत्र-व्यवहार/ ई-मेल आदि कर पाता है या नहीं और उसके व्यवहार का भी मूल्यांकन किया जाना है.