Success Story: कोरोना वायरस के कारण देश भर में लॉकडाउन लगने से लाखों लोगों ने अपनी नौकरी गवा दी थी. ऐसे में बहुत से लोग बेरोजगार हो गए. हालांकि, समय के साथ महामारी के प्रकोप के कम होने के बाद कुछ लोगों ने दोबारा कहीं ना कहीं नौकरी पकड़ ली, तो कुछ ने अपना खुद का बिजनेस करने की ठान ली. आज हम आपको ऐसे ही दो दोस्तों का कहानी बताने जा रहे हैं, जिनकी नौकरी लॉकडाउन के दौरान चली गई थी, लेकिन उन्होंने हार ना मानते हुए मीट का बिजनेस करने का फैसला किया. आज दो साल के भीतर वे इस बिजनेस से 10 करोड़ से भी अधिक कमा चुके हैं. 


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हम बात कर रहे हैं दो पुराने दोस्त आकाश म्हास्के और आदित्य कीर्तने की. देश भर में लॉकडाउन लगने से इन दोनों का करियर संकट में आ गया था. बता दें कि आकाश और आदित्य इंजीनियर के तौर पर एक ही कंपनी में काम किया करते थे, लेकिन कोविड के कारण उनके करियर की दिशा ही बदल गई. लॉकडाउन का पहला महीना तो दोनों ने तरह-तरह की फिल्में देखकर गुजार लिया. हालांकि, लॉकडाउन लंबा खिचने के कारण दोनों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. 


ऐसे शुरू किया मीट का बिजनेस
आकाश और आदित्य औरंगाबाद के रहने वाले थे. वे चाहते तो स्थिति के सामान्य होने पर औरंगाबाद के आसपास के अनेकों इंडस्ट्रियल यूनिट्स में अपनी किस्मत आजमा सकते थे, लेकिन उन्होंने नौकरियों करने के बजाय खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. सबसे पहले उन दोंनो ने कई ऐसी किताबें पढ़ीं, जिसमें एक सफल कारोबारी बनने के गुणों का जिक्र किया गया था. ऐसी कुछ किताबें पढ़ने के बाद दोंनों ने बिजनेज की दुनिया में कदम रखने का इरादा पक्का कर लिया. हालांकि, वे यह नहीं सोच पा रहे थे कि वे किस तहत का बिजनेस करें. इसलिए उन्होंने अपनी शुरुआत एक स्थानीय विश्वविद्यालय में मांस और पॉल्ट्री प्रोसेसिंग के वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स से करी. इसी के साथ उन्होंने मांस के असंगठित मार्केट में घुसने का मन बनाया. जब उन दोनों ने इस दिशा में अपना कदम बढ़ाया तो शुरू में उनके परिवार वालों ने उन्हें बिल्कुल भी स्पोर्ट नहीं किया.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुसाबिक, आदित्य बताते हैं कि, उन दोनों के परिवार वालों को शुरू में ऐसा लगा कि वे जिस तरह का काम कर रहे हैं, उसमें कोई भी मां-बाप अपनी लड़की की शादी उनसे नहीं करना चाहेगा. हालांकि, बिजनेस में सफलता मिलने के बाद उनके परिवार वाले उनके साथ खड़ें नजर आए. 


25 हजार रुपए से शुरू की Apetitee
उन्होंने शुरुआत में अपने दोस्तों की मदद से 25,000 रुपए के फंड जमा किए और 100 वर्गफुट के एरिया में  'एपेटाइटी' (Apetitee) नाम की कंपनी शुरू की, जिसका आज एक महीने का बिजनेस करीब 4 लाख रुपए से ज्यादा हो चुका है. एक बेहतर शुरुआत के बाद उनका कारोबार धीरे-धीरे बढ़ने लगा. 


दो साल बाद 10 करोड़ में बेची Apetitee
बिजनेस की तरक्की के कारण एपेटाइटी का नाम भी काफी फेमस हो गया, जिस कारण 'फैबी कॉर्पोरेशन' नाम की एक कंपनी की नजर उन पर पड़ गई. बात दें कि फैबी कॉर्पोरेशन ने हाल ही में एपेटाइटी की मेजोरिटी हिस्सेदारी करीब 10 करोड़ में खरीद ली है. हालांकि, इसके बावजूद आदित्य और आकाश कुछ परसेंट की हिस्सेदारी के साथ अब भी इस कंपनी के साथ जुड़े रहेंगे. फैबी के डायरेक्टर फहाद सैयद का कहना है कि मेजोरिटी हिस्सेदारी खरीदने के बावजूद 'एपेटाइटी' ब्रांड के तौर पर बरकार रहेगा और इसके बैनर तले ही नए प्रोडक्ट मार्केट में पेश किए जाएंगे.