नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती जारी है. शुरुआती रुझानों में त्रिशंकु विधानसभा के आसार बन रहे हैं. खबर अपडेट किए जाने तक रुझानों में बीजेपी 102, कांग्रेस 71 और जेडीएस 37 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. रुझानों में बहुमत से पिछड़ने के बाद कांग्रेस की धड़कड़नें बढ़ गई हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, 'ये शुरुआती रुझान हैं, लेकिन मैं भरोसे के साथ कह रहा हूं कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनेगी. जेडीएस के साथ गठबंधन के विकल्प खुले हैं.' मतगणना से दो दिन पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाए जाने की शर्त पर इस पद के लिए अपनी दावेदारी वापस लेने की बात कही थी, जिसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि कांग्रेस किसी भी सूरत में कर्नाटक अपने हाथ से गंवाने के मूड में नहीं है.


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गोवा-मणिपुर वाली गलती दोहराना नहीं चाहती है कांग्रेस
गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव नतीजों से सबक लेते हुए कांग्रेस कर्नाटक में जोखिम मोल लेने के मूड में नहीं है और शायद यही वजह है कि उसने‘प्लान बी’ के तहत आज अपने दो वरिष्ठ नेताओं अशोक गहलोत और गुलाम नबी आजाद को बेंगलुरू रवाना कर दिया. माना जा रहा है कि कई एग्जिट पोल में कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजों में खंडित जनादेश की तस्वीर सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गोवा और मणिपुर जैसी स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयारी रखना चाहते हैं.


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पार्टी के एक पदाधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘वैसे तो हमें पूरा भरोसा है कि कांग्रेस को कर्नाटक में पूर्ण बहुमत मिलेगा, लेकिन कई चैनलों के एक्जिट पोल के नतीजों को ध्यान में रखते हुए पार्टी हर तैयारी रखना चाहती है. आप इसे प्लान बी भी कह सकते हैं. इसी के तहत दोनों वरिष्ठ नेताओं को कर्नाटक भेजा गया है.’’ 


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गौरतलब है कि पिछले साल गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद सत्ता से दूर रह गई थी और इन दोनों राज्यों में भाजपा सरकार बनाने में सफल रही थी. 


कर्नाटक में 222 सीटें के नतीजे आएंगे. अधिकतर एक्जिट पोल में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने का अनुमान लगाया गया है. इसी बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा है कि अगर कांग्रेस आलाकमान ने कहा तो वह दलित मुख्यमंत्री के लिए पीछे हट जाएंगे. उनके इस बयान को भी जदएस के साथ गठबंधन के लिए रास्ता तैयार करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.


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सिद्धरमैया के बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के मुख्स प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘‘सिद्धारमैया जी ने यह कहा है कि वो कांग्रेस के किसी कार्यकर्ता के लिए भी, एक दलित साथी के लिए भी जगह बनाकर व्यक्तिगत स्वार्थ छोड़ने के लिए तैयार हैं. ये दिखाता है कि कांग्रेस के नेता राजनीति में किस मापदंड से प्रेरित हैं. क्या नरेन्द्र मोदी जी ये साहस दिखा सकते हैं कि वो प्रधानमंत्री पद किसी दलित नेता को सौंपने को तैयार हो जाएं? ’’