नई दिल्ली : कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की ताजपोशी के लिए विधानसभा भवन के सामने मंच सजाया जा रहा है, लेकिन मंच से इतर एक और मंच तैयार हो रहा है. और वह है देशभर की विपक्षी पार्टियों के शक्ति प्रदर्शन का मंच. कुमारस्वामी का शपथ ग्रहण समारोह कर्नाटक के मुख्यमंत्री की ताजपोशी कम विपक्षी दलों का बीजेपी के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन ज्यादा लग रहा है. बेंगलुरु के इस सियासी मंच को 2019 के आम चुनावों में बीजेपी के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. तमात नेताओं के एक ही मंच पर आने के लिए शपथ ग्रहण समारोह के लिए बड़ा मंच बनाया गया है. 


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कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बुधवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी विरोधी पार्टियां 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी एकता प्रदर्शित करेंगी. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हाथ में आए इस मौके पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष व यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बीएसपी प्रमुख मायावती, समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव, द्रमुक मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के नेता एमके स्टालिन, राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख चौधरी अजित सिंह, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और अभिनेता से नेता बने कमल हासन भी मौजूद रहेंगे. 


'कर्नाटक में तेलगू वोटर ने बीजेपी को अभी ट्रेलर दिखाया है, पूरी फिल्म 2019 में दिखाएंगे'


इनके अलावा इस समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के नेता चंद्रबाबू नायडू भी शिरकत करेंगे. कांग्रेस के बिना तीसरे मोर्चे को हवा देने वाले तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव इस समारोह में नहीं रहेंगे. वह एक दिन पहले ही कुमारस्वामी से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दे चुके हैं.



कुमारस्वामी सोमवार को दिल्ली में थे, जहां वह सोनिया और राहुल सहित कांग्रेस के बड़े नेताओं से मिले और कर्नाटक में नए गठबंधन की आपसी सहमति और लंबे संबंध पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने तमाम विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की और शपथ ग्रहण समारोह में आने का न्योता दिया. जिन नेताओं से वह नहीं मिल सके, उनकों उन्होंने फोन पर निमंत्रण दिया. 


विपक्ष के इन प्रयासों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि देश में माहौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में है और एनडीए 2014 की तुलना में और ज्यादा बहुमत के साथ फिर सत्ता में आएगी. विपक्षी दलों के एक मंच पर आने पर अमित शाह ने कहा, 'ममता बनर्जी कर्नाटक में क्या करेंगी और कुमारस्वामी बंगाल में क्या करेंगे.'


शपथ लेने से पहले ही कुमारस्वामी को नजर आईं गठबंधन सरकार की चुनौतियां


इससे पहले कर्नाटक के राजनीतिक तूफान का अंत तब हो गया था, जब सर्वोच्च न्यायालय ने भाजपा के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को 15 दिन के बजाय 26 घंटे के अंदर सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया. लेकिन विश्वास मत हासिल करने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इस तरह येदियुरप्पा ढाई दिन के मुख्यमंत्री साबित हुए.


कुमारस्वामी को सताने लगी चिंता
शपथ ग्रहण समारोह से ठीक एक दिन पहले एचडी कुमारस्वामी ने स्वीकार किया है कि अगले पांच साल जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार चलाना उनके लिए बड़ी चुनौती रहेगी. उन्होंने कहा, ‘मेरी जिंदगी की यह बड़ी चुनौती है. मैं यह अपेक्षा नहीं कर रहा कि मैं आसानी से मुख्यमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर पाऊंगा.’ 


कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल 34 मंत्री होंगे, जिनमें से 22 कांग्रेस के और 12 मंत्री जेडीएस के रहेंगे.