कर्नाटक चुनावों के मद्देनजर सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है. राज्‍य की सत्‍ताधारी कांग्रेस और बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्षों ने अब तक कर्नाटक के हर जिले का दौरा कर प्रचार किया है. पीएम नरेंद्र मोदी एक मई से बीजेपी की तरफ से चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हैं. इन सबके बीच मुख्‍यमंत्री पद के तीन चेहरों की सीटों पर सबकी निगाहें जम गई हैं क्‍योंकि सूरमाओं के इस समर में चुनावी रणनीतिकारों ने एक-दूसरे को शिकस्‍त देने के लिए सियासी दांव-पेंच चले हैं. इसी कड़ी में इन सियासी दिग्‍गजों से जुड़ी सीटों पर आइए डालते हैं एक नजर:


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बादामी
कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्दारमैया(69) बादामी और चामुंडेश्‍वरी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. चामुंडेश्‍वरी सीट पर बीजेपी के दांव के चलते उनको नामांकन खत्‍म होने से ऐन पहले बादामी से भी पर्चा भरना पड़ा. इसके लिए पहले से घोषित कांग्रेस प्रत्‍याशी को हटाया गया. यहां पर बादाम, काजू और किशमिश की पैदावार के कारण इसको ड्राइ फ्रूट्स का शहर भी कहा जाता है. संभवतया बादामी नाम भी बादाम के कारण पड़ा.


इस सीट पर सीएम सिद्दारमैया को टक्‍कर देने के लिए बीजेपी ने सांसद और राज्‍य में पार्टी के उपाध्‍यक्ष श्रीरामुलु(46) को उतारा है. श्रीरामुलु को पार्टी का बड़ा चेहरा माना जाता है और यह भी सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि बीजेपी के जीतने की स्थिति में उनको डिप्‍टी सीएम की कुर्सी दी जा सकती है. श्रीरामुलु को खनन किंग रेड्डी बंधुओं का बेहद करीबी माना जाता है. श्रीरामुलु भी इसके अलावा एक अन्‍य सीट मोलाकालमुरु से भी चुनावी मैदान में हैं.


सिद्दारमैया और श्रीरामुलु दोनों के लिए ही बादामी नई सीट है. सिद्दारमैया इससे पहले वरुणा सीट से 2008 और 2013 में चुनाव जीते थे लेकिन अपने बेटे यतींद्र के पक्ष में उन्‍होंने यह सीट इस बार छोड़ दी है. यतींद्र कांग्रेस के टिकट पर पहली बार वरुणा सीट से भाग्‍य आजमा रहे हैं. इन हाई-प्रोफाइल चेहरों के बादामी सीट से उतरने से पहले यहां से 35 लोगों ने पर्चा भरा था लेकिन बाद में इनमें से 11 ने सीएम सिद्दारमैया को समर्थन देते हुए अपने नाम वापस ले लिए.


जेडीएस नेता कुमारस्‍वामी खिलौनों के शहर माने जाने वाले चन्‍नापटना से चुनाव लड़ रहे हैं.(फाइल फोटो)

चामुंडेश्‍वरी
सीएम सिद्दारमैया जिस दूसरी सीट चामुंडेश्‍वरी से चुनाव लड़ रहे हैं, वहां से एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस छोड़ने के बाद 2006 के उपचुनाव में बेहद कड़े मुकाबले में महज कुछ सौ वोटों के अंतर से जीते थे. उस दौरान उनका मुकाबला जेडीएस प्रत्‍याशी जीटी देवगौड़ा से हुआ था. जीटी ने 2007 में बीजेपी का दामन थामा और उसके बाद 2013 में जेडीएस प्रत्‍याशी के रूप में इस सीट से जीते. इस तरह फिर से एक बार इन दोनों नेताओं के बीच चुनाव होने जा रहा है.


शिकारीपुरा
बीजेपी की तरफ से मुख्‍यमंत्री पद के उम्‍मीदवार बीएस येद्दियुरप्‍पा(75) यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. इसे उनकी सुरक्षित सीट माना जाता है क्‍योंकि वह 1983 से यहां से सात बार चुनाव जीते हैं. केवल 1999 में उनको हार का सामना करना पड़ा था. इस सीट पर अब तक कुल 14 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. इनमें से आठ बार बीजेपी को कामयाबी मिली है.


चन्‍नापटना
चन्‍नापटना को खिलौनों का शहर भी कहा जाता है. एचडी देवगौड़ा के पुत्र और पूर्व मुख्‍यमंत्री एचडी कुमारस्‍वामी(एचडीके) यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. वोक्‍कालिगा समुदाय के दबदबे वाली इस सीट से पिछली बार एचडीके की पत्‍नी अनीता हार गईं थीं. पिछली बार यहां से सपा के टिकट पर योगन्‍ना ने जीत हासिल की थी. प्रदेश के परिवहन मंत्री एचएम रेवन्‍ना भी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. कुमारस्‍वामी इसके अलावा इस सीट से सटी रामनगरा से भी चुनाव लड़ रहे हैं. वह 2004 से इस सीट से चुनाव जीत रहे हैं. उल्‍लेखनीय है कि 12 मई को कर्नाटक में वोटिंग होगी और 15 मई को नतीजे आएंगे.