आजकल बच्चों की पढ़ाई ज्यादातर कंप्यूटर और टैबलेट पर हो रही है, जिसका असर उनकी देखने की क्षमता के साथ लिखने पर भी साफ नजर आने लगा है. हालांकि खराब हैंडराइटिंग का एक अहम कारण कम या गलत प्रैक्टिस भी है.


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ऐसे में यदि आपके बच्चे की लिखावट 10 साल की उम्र में भी 5-6 साल के बच्चों की तरह है तो इसे सुधारने के लिए यहां बताए गए उपायों को ट्राई कर सकते हैं. ध्यान रखें साफ और सुंदर लिखावट न सिर्फ चीजों को समझने में आसान बनाती है बल्कि यह सामने वाले व्यक्ति पर एक अच्छा प्रभाव भी पड़ता है.


सही तरह से पेन पकड़ना सीखाएं

सबसे पहले, ये जरूरी है कि आपका बच्चा सही तरीके से बैठे और पेन पकड़े. ऐसे में ध्यान दें कि आपका बच्चा सीधे बैठा हो और उसने पेन को अंगूठे और तर्जनी के बीच में पकड़ रखा हो और उसकी बाकी उंगलियां सहारे के लिए नीचे रहें.


अभ्यास वर्कशीट का उपयोग

बच्चों के लिए बनाई गई वर्कशीट्स का इस्तेमाल करें जिनमें अक्षरों को बनाने के स्ट्रोक्स (लेखन शैली) को बताया गया हो. इसकी मदद से बच्चे को अक्षरों को सही आकार में लिखने की आदत आसानी से पड़ने लगती है.


प्रैक्टिस को बनाएं इंट्रेस्टिंग

रोजमर्रा के कामों को मजेदार बनाकर बच्चों से लिखावट का अभ्यास करवाया जा सकता है. इसके लिए बच्चे को उनकी पसंदीदा चीजों की सूची खुद से लिखने के लिए कहें या उन्हें छोटे-छोटे निबंध लिखने के लिए प्रोत्साहित करें.

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रोजाना थोड़ा अभ्यास

लिखावट सुधारने के लिए हर रोज थोड़ा अभ्यास जरूरी है.  बच्चों को 15-20 मिनट रोजाना अभ्यास करवाएं. ऐसा करने से बच्चा प्रैक्टिस करने से ऊबेगा नहीं और लिखावट में धीरे-धीरे सुधार नजर आने लगेगा.


सकारात्मक सुधार पर ध्यान दें

बच्चे की मेहनत को सराहें और उनकी लिखावट में हो रहे सुधार को प्वाइंट आउट करें बताएं. ऐसा करने से बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह लिखने में रुचि लेगा.

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