Ayurvedic herbs for diabetes control: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या इंसुलिन का उपयोग ठीक से नहीं कर पाता है. इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर को भोजन से ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है. डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है. लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है. सदाबहार का फूल डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद कर सकता है.


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सदाबहार एक फूल वाला पौधा है जिसका उपयोग सदियों से पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता रहा है, खासकर भारत में. इसका वैज्ञानिक नाम कैथरैन्थस रोजियस है. सदाबहार को अन्य नामों से भी पहचाना जाता है, जैसे- सदाफूली, नयनतारा. औषधीय गुणों से भरपूर सदाबहार का फूल डायबिटीज को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है. सदाबहार में ऐसे कंपाउंड होते हैं, जो आयुर्वेद के अनुसार डायबिटीज मैनेज पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जो इस पुरानी स्थिति से जूझ रहे लाखों व्यक्तियों को आशा और संभावित लाभ प्रदान करता है. डायबिटीज कंट्रोल में सदाबहार के प्रमुख लाभों में से एक इसकी इंसुलिन उत्पादन को प्रोत्साहित करने की क्षमता है.


डायबिटीज को कैसे मैनेज करता है सदाबहार का फूल
डायबिटीज कंट्रोल में सदाबहार की भूमिका को समझने के लिए, इसके बायो-कैमिकल कंपाउंड में गहराई से जाना पड़ेगा है. इस पौधे में एल्कलॉइड्स (विशेष रूप से विंकामाइन और विन्ब्लास्टाइन) शामिल हैं, जिन्होंने हाइपोग्लाइसेमिक गुणों का प्रदर्शन किया है. ये कंपाउंड ब्लड शुगर लेवल को कम करके और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर काम करते हैं.


कैसे करें सदाबहार का इस्तेमाल?
सदाबहार की पत्तियों को सुखाकर, पाउडर करके एक एयर-टाइट कंटेनर में इकट्ठा किया जा सकता है. इस पाउडर का एक चम्मच रोजाना एक कप ताजे फलों के रस या पानी के साथ सेवन करें. इसके अलावा, सदाबहार पौधे के फूल लें और उन्हें एक कप पानी में उबाल लें. पानी को छान लें और रोज सुबह खाली पेट इसका सेवन करें.