तिल भारतीय खान-पान में सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है. यह न केवल स्वाद में बढ़ोतरी करता है, बल्कि इसके कई सारे सेहत संबंधित फायदे भी हैं. लेकिन एक समस्या है जिसका सामना ज्यादातर लोग तिल को खरीदते समय करते हैं. वह यह कि काला तिल और सफेद तिल में से कौन सा सेहत के लिए अधिक लाभकारी है? यहां हम आपको इसका जवाब बता रहे हैं-


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काले तिल के गुण 

काले तिल का सेवन प्राचीन काल से औषधीय गुणों के लिए किया जाता रहा है. इसमें अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल्स और फाइबर होते हैं.


लाभ

- काले तिल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होते हैं, जो हार्ट की सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं. ये कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने में भी सहायक होते हैं.


- काले तिल में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है. 


- काले तिल का तेल त्वचा और बालों के लिए भी लाभकारी है. यह न केवल नमी प्रदान करता है, बल्कि उम्र के प्रभाव को भी कम करता है.


सफेद तिल के गुण 

सफेद तिल भी सेहत के लिए फायदेमंद है, और इसे भी अपनी औषधीय विशेषताओं के लिए जाना जाता है.


लाभ

- सफेद तिल में उच्च मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो ऊर्जा का अच्छा स्रोत होते हैं.


- इसमें फाइबर की अधिक मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है. 


- सफेद तिल के सेवन से त्वचा में निखार आता है, और यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए भी जाना जाता है.


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कौन सा तिल बेहतर है?

दोनों प्रकार के तिल के अपने विशेष फायदे हैं. काला तिल अधिक एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स प्रदान करता है, जबकि सफेद तिल ऊर्जा का अच्छा स्रोत है. हालांकि, अगर बात स्वास्थ्य के लिहाज से की जाए, तो काला तिल को अधिक प्रभावी माना जाता है.