दिवाली का पर्व नजदीक है और इस समय मिठाइयों व पकवानों की मांग तेजी से बढ़ रही है. इसी बीच, मध्य प्रदेश के ग्वालियर और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़े पैमाने पर नकली रिफाइंड और घी जब्त किया है. ग्वालियर में 300 लीटर नकली रिफाइंड पकड़ा गया, जिससे मिठाई बनाने का काम चल रहा था. इस तरह के मिलावटी तेल और घी का उपयोग सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. यह पाचन तंत्र से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.


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नकली और मिलावटी तेल में ट्रांस फैट्स की अधिक मात्रा होती है, जो दिल की बीमारियों, मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकती है. इसके अलावा, इनमें मौजूद हानिकारक कैमिकल और धातुएं लिवर व किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं. लंबे समय तक इस तरह के तेल का उपयोग करने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है और पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.


नकली तेल में होने वाली मिलावट
रिफाइंड और तेलों में अक्सर सस्ता पाम ऑयल मिलाया जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. इसके अलावा, घटिया क्वालिटी के तेल जैसे कपास के बीज का तेल, सोयाबीन तेल या नारियल तेल का मिलावट भी आम है. नकली तेल को असली जैसा दिखाने के लिए आर्टिफिशियल रंग और फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है.


FSSAI ने बताए शुद्ध तेल की पहचान के उपाय
* TPC जांच: एक चम्मच में तेल लेकर उसमें थोड़ा पीला बटर मिलाएं. अगर तेल का रंग लाल हो जाए, तो यह मिलावटी है.
* बनावट जांचें: तेल की बनावट में धुंधलापन या रंग में असामान्यता मिलावट का संकेत हो सकती है.
* रेफ्रिजरेटर टेस्ट: तेल को फ्रिज में रखें. अगर 2 घंटे बाद यह जम जाता है, तो यह शुद्ध है.
* कागज टेस्ट: सफेद कागज पर तेल की कुछ बूंदें डालें और सूखने दें. अगर तेल शुद्ध है, तो यह पारदर्शी निशान छोड़ेगा.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.