महिलाओं की सेहत में 40 साल की उम्र के बाद गिरावट आती है. कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में स्त्री रोग और अर्थी विभाग की एक संयुक्त स्टडी में यह बात सामने आई है. स्टडी में पता चला कि हर तीसरी महिला की हड्डियां कमजोर हैं.


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स्टडी में 40 से 60 वर्ष की 300 महिलाओं को शामिल किया गया था. इनमें से 214 महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस की पुष्टि हुई. इनमें से 90% महिलाओं में गंभीर और मध्यम ग्रेड की थी. स्टडी के मुताबिक, महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने के कई कारण हैं, जिनमें उम्र बढ़ना, मेनोपॉज, खराब आहार, धूम्रपान और शराब का सेवन शामिल हैं. स्टडी के निष्कर्षों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति जागरूक होना चाहिए और 40 साल की उम्र के बाद अपनी हड्डियों का नियमित रूप से चेकअप करवाना चाहिए.


इस बीमारी से ग्रसित महिलाओं में ये भी सामने आया
- कैल्शियम 6.6 से 8.1 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर खून में मिला (मानक 8.5 से 10.5 मिग्रा).
- प्रोटीन 4.4 से 5.8 ग्राम प्रति डेसीलीटर पाया गया (मानक 6.0 से 8.3 ग्राम).
- विटामिन डी 6 से 11.2 एनजी प्रति एमएल पाया गया (मानक 12 एनजी).
- आयरन की कमी 79% में मिली यानी हीमोग्लोबिन सिर्फ 14 महिलाओं में 12 ग्राम के ऊपर मिला.
- बाकी महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर 6.1 से 9.7 ग्राम ही मिला.
- गांव की महिलाओं का खानपान सबसे खराब मिला, बासी खाने की आदत पाई गई.
- कामकाजी महिलाएं सजग और संवेदनशील मिलीं. स्टडी में 15.5 फीसदी फिट पाई गई.


ऑस्टियोपोरोसिस खोखली कर देता है हड्डियां
हड्डियां कमजोर होने के साथ-साथ खोलती होने लगती हैं. घनत्व भी कम हो जाता है. हड्डियां कमजोर और नाजुक भी हो जाती हैं. फ्रैक्चर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है.


मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कारगर है इस समस्या में
- जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हड्डी विभाग ने ट्रायल के तौर पर 22 मरीजों पर डेनोसुमैव सॉल्ट की मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज की चार थेरेपी दी, प्रभावकारिता 76% मिली.
- हारमोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी को प्राथमिकता दी गई.
- दवाओं के साथ मेडिकेशन के साथ योगा और एक्सरसाइज के तीन तरीकों से ठीक करने की कोशिश की गई तो आधी महिलाओं को राहत मिली.