Secret of healthy married life: रिश्ता पक्का होने यानी इंगेजमेंट होने के बाद बहुत से लोग अपनी पार्टनर को अच्छी तरह से समझना चाहते हैं. इस मामले में वह होने वाली जीवन संगिनी की आदतें, खासियत, पसंद और नापसंद के साथ सोशल मीडिया पर वो कितनी एक्टिव रहती है, जैसी बातों पर भी गौर करते हुए उसके बारे में सबकुछ जान लेने की कोशिश करते हैं. इससे आगे और दूर की सोचने वाले युवा शादी के तय होने से पहले कुंडली मैच कराने के साथ साथी के मेडिकल स्टेटस के बारे में भी सबकुछ जान लेना चाहते हैं. ताकि नवविवाहित जोड़े को किसी अप्रत्याशित स्थिति का सामना न करना पड़े.


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मेडिकल टेस्ट कराने का बढ़ा चलन


अगर आप भी सही समय पर शादी करने की सोच रहे हैं तो आपको भी शादी से पहले पार्टनर के ये चार मेडिकल टेस्ट जरूर करवा लेने चाहिए. ताकि आपको आगे किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़ें.


1. जेनेटिक बीमारियों से जुड़ा टेस्ट- शादी से पहले लड़के और लड़की दोनों को जेनेटिक टेस्ट जरूर कराना चाहिए. इसकी वजह यह है कि आनुवांशिक बीमारियां एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में आसानी से जा सकती हैं. ऐसे में जरूरी है कि शादी से पहले जेनेटिक टेस्ट कराया जाए. इन बीमारियों में ब्रेस्ट कैंसर, पेट का कैंसर, डायबिटीज और किडनी डिजीज शामिल हैं. अगर इन बीमारियों का पता पहले लग जाए तो इनका सही समय पर इलाज किया जा सकता है. ताकि भविष्य में कोई और परेशानी ना हो.


2. इनफर्टिलिटी टेस्ट- मेल पार्टनर के स्पर्म काउंट और फीमेल पार्टनर की ओवरी हेल्थ के बारे में जानने के लिए इनफर्टिलिटी टेस्ट करवाना काफी जरूरी होता है क्योंकि इनफर्टिलिटी के लक्षण पहले से नजर नहीं आते, इनके बारे में अक्सर पता ही तब चलता है जबतक बहुत देर हो चुकी होती है. इसलिए अगर आप को शादी के फौरन बाद फैमिली प्लानिंग करनी है तो भी यह टेस्ट बहुत जरूरी होता है. वहीं नॉर्मल सेक्सुअल लाइफ के लिए यह टेस्ट करा लेना चाहिए. 


3. सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज टेस्ट- आजकल के दौर में शादी से पहले संबंध नहीं बनाने चाहिए जैसी वर्जनाएं टूट गई हैं. इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आप अपना और अपने पार्टनर का सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का टेस्ट हर हाल में करवा लें. इन बीमारियों में HIV (एड्स), हर्प्स, और हेपेटाइटिस सी शामिल हैं. ये वो बीमारियां हैं जो अक्सर असुरक्षित संबंध बनाने की वजह से फैलती हैं. इनमें से ज्यादातर बीमारियां जानलेवा साबित हो सकती हैं. ऐसे में एसटीडी टेस्ट जरूर कराएं.


4. ब्लड ग्रुप कंपैटिबिलिटी टेस्ट- ये टेस्ट हालांकि बहुत जरूरी टेस्ट नहीं होता है. लेकिन फिर भी आपको ये टेस्ट करा लेना चाहिए. माना जाता है कि यह जरूरी है कि आपका और आपके पार्टनर का आरएच फैक्टर एक जैसा हो. अगर आप दोनों के ब्लड ग्रुप अनुकूल नहीं होते तो इससे प्रेग्नेंसी के दौरान आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)