Death During Chardham Yatra: गर्मी शुरू होते ही लोग चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू कर देते हैं. आमतौर पर इस सफर को पूरा करने में 10 या इससे ज्यादा दिनों का वक्त लगता है, लेकिन काफी लोग 5 दिन में ही जर्नी कंप्लीट करने की कोशिश कर रहे हैं. जिसके कारण अंजाम भी उतने ही खतरनाक होने लगे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक महीने में  तकरीबन 100 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. साल 2023 की बात करें तो 6 महीने में 243 लोग इस यात्रा के दौरान जान गंवा चुके हैं.


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क्यों हो रही हैं इतनी मौतें?

चारधाम यात्रा बेहद कठिन होती है, इसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन करने होते हैं. ये सभी धाम ऊंचे पहाड़ों पर स्थित हैं जहां तक पहुंचना आसान नहीं है. मुश्किल रास्ते और जबरदस्त ठंड पड़ती है. मैदानी इलाके के श्रद्धालु वेदर के हिसाब से एडेप्ट नहीं कर पाते. सर्दी के कारण बॉडी टेम्प्रेचर तेजी से गिरता है और फिर हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है. दिल के दौरे पड़ने से कई लोगों की मौत हो जाती हैट


कौन सा रूट सबसे रिस्की?


मृतकों के आंकड़े निकाले जाएं तो 45 से ज्यादा उम्र के लोग ज्यादा हैं, हालांकि मरने वाले 32 लोगों की उम्र 25 से 45 साल के बीच में हैं. उत्तराखंड स्टेट इमरजेंसी सेंटर के मुताबिक करीब आधी मौतें केदारनाथ रूट पर हुई हैं. साथ ही बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री में क्रमश: 22,22 और 7 जानें गईं हैं.


चारधाम यात्रा में ज्यादातर लोग ऐसे इलाकों से आ रहे हैं जहां इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है. मैदानी इलाकों से पहाड़ी क्षेत्र में जानते से तापमान में अचानक गिरवट होना स्वभाविक है. ऐसे में दिल की सेहत अच्छी रहनी जरूरी है, क्योंकि चेंज ऑफ टेम्प्रेचर को एडेप्ट करने के लिए हार्ट को तेजी से पंप करना पड़ता है. ऐसे में धमनिंयां सिकुड़ जाती हैं, ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है, फिर हार्ट अटैक के कारण जान जा सकती है.


यात्रा के लिए इन बातों का रखें ख्याल


1. सबसे पहले मौसम का हाल जरूर जान लें जिसके हिसाब से तैयारी करना सही रहेगा, वरना आप सख्त मौसम में आप खुद को मजबूर महसूस करेंगें.


2. मौसम के हिसाब से ऊनी कपड़े, जैकेट, स्वेटर, मोजे, दस्ताने वगैरह साथ में रखें. इसके अलावा बारिश के लिए रेनकोट और छाते भी ले जाएं.


3. अपने साथ कुछ जरूरी दवा रख लें, हालांकि इसे डॉक्टर की सलाह पर ही खाएं. आप चाहें तो थर्मामीटर, बीपी मशीन, ग्लूकोमीटर, अस्थमा के मरीज इनहेलर रख लें.


4. आप लोकल इमरजेंसी नंबर जरूर फोन में सेव कर लें, या फिर जरूरत पड़ने पर पुलिस को कॉल करें, ताकि किसी भी इमजेंसी सिचुएशन को हैंडल किया जा सके.


5. पहाड़ पर चढ़ाई करते-करते थक गए हैं, तो 15 से 20 मिनट का ब्रेक लें. दिल में जब दर्द उठे तो तुरंत रेस्ट कर लें.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.