डायबिटीज को लेकर कई मिथक और गलतफहमियां समाज में फैली हुई हैं, जिनमें से एक है कि चीनी खाने से डायबिटीज हो जाती है. लोगों में यह धारणा गहराई से बैठी है कि चीनी या मीठे का सेवन सीधे तौर पर शुगर लेवल को बढ़ाता है और इससे डायबिटीज हो सकती है. इस पर एक्सपर्ट्स की राय क्या है, आइए जानते हैं.


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डायबिटीज एक जटिल बीमारी है जो इंसुलिन उत्पादन में कमी या शरीर की इंसुलिन का सही उपयोग न कर पाने की स्थिति में होती है. मशहूर एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, डॉ. ऋचा चतुर्वेदी के अनुसार, केवल चीनी खाने से डायबिटीज नहीं होती, बल्कि यह एक लाइफस्टाइल बीमारी है. अगर कोई व्यक्ति ज्यादा कैलोरी का सेवन करता है, चाहे वो किसी भी रूप में हो (कार्बोहाइड्रेट, फैट या शुगर) और उसका शरीर उस एनर्जी को खर्च नहीं कर पाता, तो उसका वजन बढ़ने लगता है. अधिक वजन या मोटापा टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है.


चीनी का डायबिटीज से कनेक्शन
हालांकि, मीठे का ज्यादा सेवन शरीर में शुगर लेवल बढ़ा सकता है, लेकिन डायबिटीज का मूल कारण केवल चीनी का सेवन नहीं है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि आपके परिवार में डायबिटीज का इतिहास है या आप अधिक वजन वाले हैं, तो चीनी और अन्य मिठाईयों का अधिक सेवन करने से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. चीनी से जुड़े फूड्स जैसे सॉफ्ट ड्रिंक्स, कैंडीज और प्रोसेस्ड फूड्स जल्दी पच जाते हैं और ब्लड शुगर को तुरंत बढ़ा सकते हैं, जिससे इंसुलिन स्पाइक होता है.


सावधानी और सही आदतें हैं जरूरी
डायबिटीज से बचने के लिए आवश्यक है कि आप बैलेंस डाइट का सेवन करें, नियमित व्यायाम करें और अपनी लाइफस्टाइल को हेल्दी रखें. एक्सपर्ट्स का मानना है कि मध्यम मात्रा में चीनी का सेवन नुकसानदेह नहीं है, लेकिन हमें संतुलित भोजन और शारीरिक सक्रियता का ध्यान रखना चाहिए. अगर किसी को डायबिटीज की संभावना है, तो उसे चीनी का सेवन सीमित कर देना चाहिए और नेचुरल शुगर के विकल्प जैसे फल या होल-ग्रेन का सेवन करना चाहिए.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.