फलों का राजा के नाम में मशहूर आम अपने रसीले स्वाद और चटखते रंग के लिए जाना जाता है. लेकिन, कई बार इसके सेहत पर पड़ने वाले प्रभावों, खासकर ब्लड शुगर लेवल और वजन बढ़ने को लेकर गलतफहमियां होती हैं. अगर आप भी आम के शौकीन हैं और ये सोचते हैं कि इसकी कितनी मात्रा सही है, तो ये स्टोरी आपके लिए ही है. आइए जानते हैं आम से जुड़े कुछ लोकप्रिय मिथकों को तोड़ते हैं.


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आम के बारे में एक आम गलतफहमी ये है कि इनमें शुगर की मात्रा अधिक होती है और ये ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ा सकते हैं, जिससे डायबिटीज मरीजों या शुगर का ध्यान रखने वालों के लिए ये उपयुक्त नहीं होते हैं. यह सच है कि आमों में नेचुरल शुगर होती है, जिसमें ग्लूकोज और फ्रुक्टोज शामिल हैं, लेकिन इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) भी कम होता है, जो लगभग 51 होता है. कम GI वाले फूड धीरे-धीरे पचते और ऑब्जर्ब होते हैं, जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल में अचानक बढ़ोतरी के बजाय धीरे-धीरे वृद्धि होती है.


'न्यूट्रिएंट्स' जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, "आम का सेवन ब्लड शुगर कंट्रोल पर भी लाभदायक प्रभाव डाल सकता है. अधिक वजन वाले व्यक्तियों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 12 हफ्ते तक अपनी डाइट में आमों को शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार हुआ, जबकि कंट्रोल ग्रुप में ऐसा नहीं देखा गया." इन निष्कर्षों से पता चलता है कि आम उन लोगों के लिए भी बैलेंस डाइट का हिस्सा हो सकते हैं जो अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर रहे हैं.


क्या आम वाकई वजन बढ़ाते हैं?
कई लोगों का ये भी मानना है कि आम में शुगर की मात्रा ज्यादा होने के कारण ये वजन बढ़ा सकता है. हालांकि, अगर आप कैलोरी की मात्रा पर ध्यान दे रहे हैं तो आमों के सेवन में बैलेंस बनाए रखना जरूरी है. लेकिन, अन्य फलों की तुलना में आम खुद अपेक्षाकृत कम कैलोरी वाले होते हैं. एक मीडियम आकार के आम में लगभग 150 कैलोरी होती है, जो इसे पौष्टिक और संतोषजनक ब्रेकफास्ट का विकल्प बनाता है.


इसके अलावा, आम डाइटरी फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो तृप्ति की भावना को बढ़ावा देते हैं और वजन कंट्रोल करने में मदद करते हैं. फाइबर पाचन क्रिया को कंट्रोल करने और तृप्ति को बढ़ावा देने में मदद करता है, जिससे ज्यादा खाने की संभावना कम हो जाती है. साथ ही, आमों में पाए जाने वाले विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट हमारी सेहत और तंदुरुस्ती को बनाए रखने में मदद करते हैं, जो इन्हें बैलेंस डाइट आहार का एक मूल्यवान हिस्सा बनाता है.