क्या आप बातचीत के दौरान अपने चेहरे के हाव-भाव का खूब इस्तेमाल करते हैं? अगर हां, तो शायद आप स्वाभाविक रूप से एक बेहतरीन नेगोशिएटर हैं. नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के शोधकर्ताओं ने पाया है कि जो लोग चेहरे के भावों को ज्यादा व्यक्त करते हैं, वे बातचीत करने में बेहतर होते हैं.


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इस शोध में 1500 से ज्यादा बातचीत का विश्लेषण किया गया, जिसमें चेहरे की मसल्स की हलचल, जैसे मुस्कान, भौं उठाना, नाक सिकोड़ना और होठों के किनारों को हिलाना आदि का अध्ययन किया गया. शोधकर्ताओं का कहना है कि एक्सप्रेसिव चेहरे वाले लोग सीधे चेहरे रखने वालों की तुलना में ज्यादा पसंद किए जाते हैं और सामाजिक रूप से अधिक सफल होते हैं.


एक्सपर्ट का बयान
यह अध्ययन एनटीयू के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में इवोल्यूशन एंड सोशल बिहेवियर की प्रोफेसर ब्रिजेट वालर के नेतृत्व में किया गया था. उनका टारगेट किसी भी अन्य प्रजाति की तुलना में मनुष्यों के जटिल चेहरे के भावों के पीछे के कारणों का अध्ययन करना था. उन्होंने कहा कि इंसानों और अन्य प्राइमेट्स के बीच हमारे तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि मनुष्य कुल मिलाकर चेहरे की अधिक हलचल करते हैं और उनके चेहरे ज्यादा एक्सप्रेस्ड होते हैं. हमारा स्टडी बताती है कि एक्सप्रेसिव होना आपको ज्यादा पसंद करने लायक बनाता है, जिससे सोशल ग्रुप में रहना आसान हो सकता है, जो विकास का एक स्पष्ट लाभ है.


कैसे हुआ स्टडी?
शोधकर्ताओं ने 170 लोगों को बातचीत के छोटे वीडियो देखने के लिए कहा. उनसे पूछा गया कि वे वीडियो में लोगों के इमोशन और एक्सप्रेशन को कितनी अच्छी तरह समझ सकते हैं और यह भी कि वे उन्हें कितना पसंद करते हैं. इसके बाद, शोधकर्ताओं ने 1456 ऐसे लोगों के बीच जूम कॉल पर हुई बातचीत को देखा, जो एक-दूसरे को नहीं जानते थे. इन चैटर्स ने बताया कि वे जिस व्यक्ति से बात कर रहे थे, उन्हें वह कितना पसंद आया.


स्टडी का रिजल्ट
शोधकर्ताओं ने पाया कि इन बातचीत के दौरान, लोगों ने औसतन हर मिनट लगभग 71 चेहरे की एक्टिविटी कीं. उन्होंने पाया कि जो लोग बहुत अधिक एक्सप्रेसिव दिखाते थे उन्हें आम तौर पर अधिक पसंद किया जाता था, दोनों वीडियो देखने वालों और जूम पर जिन लोगों से वे बातचीत कर रहे थे, दोनों ने ही उन्हें ज्यादा पसंद किया.